संजय गुप्ता, INDORE. मध्य प्रदेश के इंदौर में तीन दिन (8-10 जनवरी) का प्रवासी भारतीय सम्मेलन चल रहा है। 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर आकर सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन किया था। इस दौरान कार्यक्रम स्थल ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में कई प्रवासियों को बैठने की जगह नहीं मिली, कई लोग नीचे बैठे दिखे थे। कई प्रवासियों ने अव्यवस्था को लेकर सवाल उठाए थे। इसके कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर आए। वहीं, 10 जनवरी को कार्यक्रम के अंतिम दिन सुबह सेशन के दौरान हॉल खाली नजर आया। 2 हजार की क्षमता वाले हॉल में बमुश्किल 200 लोग बैठे दिखे।
9 जनवरी को कई प्रवासियों को एंट्री तक नहीं मिल पाई थी, उठे थे सवाल
प्रवासी भारतीय दिवस के 17वें आयोजन के दौरान शासन, प्रशासन की बैठक व्यवस्था धराशायी हो गई। हालत यह थी कि डेढ़ हजार से ज्यादी प्रवासी भारतीय हॉल में प्रवेश नहीं पा सके और उनके साथ जमकर धक्कामुक्की हुई। हालत यह रही कि लंदन के डिप्टी मेयर (बिजनेस) राजेश अग्रवाल जब पौने दस बजे पहुंचे तो उन्हें भी अंदर नहीं जाने दिया गया, जबकि पीएम के साथ वह लंच में आमंत्रित थे, बाद में किसी अधिकारी ने उनके अंदर जाने की व्यवस्था कराई।
जमैका के प्रतिनिधि प्रशांत सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि जो सरकार 3000 लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं कर सकती, वह ग्लोबल पॉवर कैसे बनेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए, हालत यह रही कि जमैका के मंत्री बाहर बैठे हुए हैं। उधर अमेरिका दल में शामिल कई महिलाओं को भी एंट्री नहीं मिली और उन्हें अधिकारियों ने कह दिया कि वह लिंक दी गई है। टीवी पर आप कार्यक्रम देख लो। इस पर वह और भड़क गई और उन्होंने कहा कि इतनी दूर से हम टीवी पर कार्यक्रम देखने के लिए नहीं आए थे।
पता होने के बाद भी नहीं की गईं व्यवस्थाएं
अधिकारियों को पता था कि कितने डेलीगेट्स आ रहे हैं, इसका पूरा रजिस्ट्रेशन चार्ट उनके पास मौजूद था। पहले से पता था कि मुख्य आयोजन के दिन 3500 से ज्यादा डेलीगेट्स आएंगे। इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निगमायुक्त प्रतिभा पाल से सवाल भी हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा कि 2200 की सिटिंग व्यवस्था है और जो पहले आएगा, सीट पहले पाएगा, बाकी लोगों को अन्य जगह, बाहर हॉल में बैठना होगा।
पुलिस ने दिखाई बेवजह सख्ती, सुबह साढ़े आठ बजे ही बंद कर दिए बैरीकेड्स
एक समस्या पुलिस की ओर से आई, उनहोंने पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को देखते हुए सुबह साढ़े आठ बजे से ही बैरीकेड्स लगा दिए और प्रवेश बंद कर दिया। जो लोग इसके पहले आए, उन्हें ही एंट्री मिल सकी, जबकि कार्यक्रम सुबह साढ़े दस बजे से था। अतिथियों को भी एक घंटे पहले यानी साढ़े नौ बजे तक आने के लिए कहा गया था, लेकिन तय समय से पहले ही बैरीकेड्स लगा दिए गए। इसके चलते प्रवेश को लेकर जमकर धक्-कामुक्की हुई और जो समय का पाबंद एनआरआई है, उन्हें बाहर कर दिया गया।