BHOPAL. मध्यप्रदेश के खेल इतिहास में दूसरा द्रोणाचार्य अवार्ड हॉकी कोच शिवेंद्र सिंह को मिलेगा। जबकि शिवेंद्र हॉकी में द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित होने वाले प्रदेश के पहले कोच होंगे। इनसे पहले प्रदेश के पहले द्रोणाचार्य मलखंब कोच योगेश मालवीय बने हैं। इसके अलावा इस बार एमपी के शूटर्स ऐश्वर्य प्रताप सिंह और पैरा एथलीट प्राची यादव का अर्जुन अवार्ड के लिए चयन किया गया है।
राष्ट्रीय खेल अवार्ड के इतिहास में 38 साल बाद मध्यप्रदेश का कोई कोच हॉकी में पहले द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित होगा। यह अवार्ड 9 जनवरी को एक समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू देंगी।
शिवेंद्र पांच साल से है नेशनल टीम के कोच
मूलत: ग्वालियर के रहने वाले शिवेंद्र सिंह वर्तमान में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सहायक कोच हैं और वे पिछले पांच साल (2019) से टीम के साथ जुड़े हैं। टोक्यो ओलंपिक गेम्स 2020, जो 2021 में हुए थे। भारतीय पुरुष टीम ने ब्रांस मेडल जीता था। इस टीम के साथ भी थे। वे 21 दिसंबर को ही स्पेन से लौटे हैं।
खिलाड़ी के रूप में भी शानदार रहा करियर
शिवेंद्र सिंह का हॉकी में खिलाड़ी के रूप में करियर भी शानदार रहा। उन्होंने ओलंपिक-वर्ल्ड कप समेत दुनिया के सभी नामी और बड़े टूर्नामेंट्स में भाग लिया है। 2006 से उनके अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत हुई और 2013 तक खूब धूम मचाई। 2012 के लंदन ओलंपिक के बाद शिवेंद्र ने हॉकी से सन्यास ले लिया।
187 मैच 90 से ज्यादा गोल दागे
एयर इंडिया में कार्यरत शिवेंद्र सिंह ने अपने सात साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 187 मुकाबले खेले, जबकि इनमें 90 से ज्यादा गोल किए। शिवेंद्र ने बताया कि उनका सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 वर्ल्ड कप, जर्मनी में रहा। जिसमें उन्होंने ने चार गोल दागे थे। यह उनका पहला वर्ल्ड कप टूर्नामेंट था।
सोशल मीडिया से मिली सबसे पहले अवार्ड की खबर
स्पेन से बाया बेंगलुरु ग्वालियर लौटे शिवेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें द्रोणाचार्य अवार्ड मिलने की जानकारी सबसे पहले सोशल मीडिया से ही मिली। इसके बाद अधिकारिक लेटर प्राप्त हुआ। शिवेंद्र ने कहा कि इस अवार्ड को मिलने में बहुत बड़ा रोल परिवार का रहा। लम्बे समय तक परिवार से दूर रहना और दो बेटियों की जिम्मेदारी वाइफ को संभालना काफी कठिन होता है।
शिवेंद्र की पत्नी भी रही हैं इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर
खिलाड़ी से कोच बने शिवेंद्र की पत्नी निशी चौहान भी पूर्व इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर हैं और स्पोर्ट्स कोटे से ही उन्होंने रेलवे में नौकरी पाई है। फिलहाल वे चंडीगढ़ में पदस्थ हैं। इस हॉकी फैमली की दो बेटियां भी हैं।