NEW DELHI. राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन का नाम 28 जनवरी, शनिवार को बदला गया है। गार्डन को अब अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा। अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में यह बदलाव किया गया है। गार्डन अपने खास किस्म के फूलों के लिए और अपनी सुंदरता के लिए काफी विख्यात है। हर साल इसे देखने के लिए लाखों पर्यटक आते हैं। उद्यान में 138 तरह के गुलाब के फूल लगाए गए हैं। यहां 10 हजार से ज्यादा ट्यूलिप फूल और 5 हजार मौसमी फूलों की प्रजातियां भी हैं।
हर साल वसंत के मौसम में आम लोगों के लिए खुलता है उद्यान
उद्यान को हर साल वसंत के मौसम में आम जनता के लिए खोला जाता है। राष्ट्रपति 29 जनवरी को उद्यान उत्सव की शुरुआत करेंगी। जनता के लिए पहली बार इसे देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने खुलवाया था। यहां ब्रिटिश और मुगल दोनों के गार्डन की झलक मिलती है। राष्ट्रपति भवन बनाने वाले आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने इसे बनाया था।
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क्यूआर कोड स्केन करने पर मिलेगी पौधे से जुड़ी जानकारी
राष्ट्रपति की डिप्टी प्रेस सेक्रेट्री नविका गुप्ता ने कहा कि मुगल गार्डन में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए कई बदलाव भी किए गए हैं। सभी पौधों के पास क्यूआर कोड लगाया जाएगा। अगर कोई भी इसे स्कैन करेगा तो उसे पौधे से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी। इसके साथ ही 20 प्रोफेशनल तैनात किए जाएंगे, जो लोगों को गार्डन के बारे में जानकारियां देंगे।
गार्डन को राष्ट्रपति भवन की आत्मा माना जाता है
गार्डन को राष्ट्रपति भवन की आत्मा माना जाता है। यह उद्यान 15 एकड़ में फैला है। इसमें 138 तरह के गुलाब, 10 हजार से ज्यादा ट्यूलिप बल्ब और 70 अलग-अलग प्रजातियों के लगभग 5 हजार मौसमी फूलों की प्रजातियां हैं। यहां 12 किस्म के ट्यूलिप्स फूल देखने को मिलेंगे। अमृत उद्यान में सेल्फी पॉइंट्स भी बनाये गए हैं, जहां आम लोग फूलों के बीच सेल्फी ले सकेंगे।
किसान, दिव्यांग, महिलाओं के लिए विशेष दिन निर्धारित किए
किसान, दिव्यांग, महिलाओं समेत अन्य लोगों के लिए विशेष तौर पर अलग से दिन निर्धारित किए गए हैं। स्पेशल कैटेगरी के तहत 28 मार्च से 31 मार्च के बीच किसान, दिव्यांग, महिलाओं को एक एक दिन निर्धारित रहेगा।