MUMBAI. मुंबई के चाबड़ हाउस (यहूदी सामुदायिक केंद्र) पर आतंकी हमले का खतरा एक बार फिर से मंडरा रहा है। पुणे से गिरफ्तार किए गए 2 आंतकवादियों के पास से चाबड़ हाउस की गूगल फोटो मिली हैं। गिरफ्तार हुए दोनों टेररिस्ट राजस्थान में आतंकी हमले की योजना पर काम कर रहे थे। इसके बाद मुंबई के कोलाबा में यहूदी सामुदायिक केंद्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
क्या है चाबड़ हाउस?
चाबड़ हाउस यहूदी धर्म मानने वाले लोगों का एक सामुदायिक केंद्र है। ये केंद्र अपने धर्म और समुदाय के लोगों की सामाजिक सुरक्षा और जरूरत पड़ने पर हर तरह की सहयोग उपलब्ध करवाता है। फिर चाहे वो बच्चों के लिए एजुकेशन हो, जवान लोगों के लिए जॅाब हो या फिर बुजुर्ग लोगों के लिए धार्मिक और स्वास्थ्य की मदद हो। चाबड़ हाउस एक तरह से यहूदी समुदाय का एक प्रमुख केंद्र है।
2008 में हुआ था हमला
ये हाउस साल 2008 मुबंई में हुए 26/11 के आतंकवादी हमलों के टारगेट में से एक है। दरअसल, महाराष्ट्र ATS ने मोहम्मद इमरान और मोहम्मद याकूब साकी को पुणे पुलिस से कुछ दिन पहले ही हिरासत में लिया था। मामले की जांच के दौरान उन दोनों के पास से चाबड़ हाउस सामुदायिक केंद्र की गूगल इमेज मिली थी।
किस लिए हुआ था हमला ?
2008 में हुए मुंबई आंतकी हमले के दौरान चाबड़ हाउस को निशाना बनाने की 2 मुख्य वजह थीं। पहली वजह, इजरायल को सबक सिखाना था। गौरतलब है कि इजरायल और फिलिस्तीन का झगड़ा बहुत पुराना है लेकिन मिडिल ईस्ट में इजरायल से जीत पाना संभव नहीं था, लिहाजा भारत में हमले के वक्त इजरायल को मैसेज देने के लिए यहां हमला किया गया था।
दूसरी वजह ये है कि चाबड़ हाउस पर बड़ी संख्या में अमेरिका, यूरोप और इजरायल से आए हुए लोग अपना वक्त गुजारते हैं। ऐसे में उनकी हत्या कर दुनियाभर की मीडिया से अटेंशन हासिल करना था। उस वक्त मुंबई आंतकी हमलों में कुल 174 लोग मारे गए थे जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।