तिरुवनंतपुरम के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में एक रहस्यमयी घटना घटी, जहां 13 संप्रभु सोने की छड़ें गायब हो गई थीं। यह छड़ें, जो गर्भगृह के दरवाजे से निकाले गए सोने से बनाई गई थीं, मंदिर में ही गायब हो गई थीं। लेकिन अब ये सोने की छड़ें मिल गई हैं, और वह भी मंदिर के परिसर में रेत में डूबी हुई पाई गई।
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए स्निफर डॉग्स (sniffer dogs) का भी इस्तेमाल किया। यह छड़ 12 सेंटीमीटर लंबी एक वेल्डिंग रॉड थी, जिसे सुनार ने मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे से निकाले गए सोने से बनाया था।
गायब होने की घटनाओं के बाद की छानबीन
पुलिस ने सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज की जांच की, लेकिन कोई संदिग्ध व्यक्ति मंदिर में प्रवेश करता या बाहर निकलता हुआ नहीं दिखा। यह सवाल सबके मन में था कि छड़ें मंदिर के परिसर में कैसे पहुंची। 27 अप्रैल को गर्भगृह के दरवाजे की मरम्मत के दौरान इन धातुओं को निकाला गया था और उनमें से एक धातु को पिघलाकर वेल्डिंग रॉड बनाई गई थी।
ये भी पढ़ें:
कैसे गायब हुई थी सोने की छड़?
मंदिर के अधिकारियों ने सभी सोने की चीजों को एक कपड़े के बैग में डालकर स्ट्रांग रूम (strong room) में रखा था। हालांकि, शनिवार को जब बैग को खोला गया, तो रॉड गायब थी। पुलिस को संदेह था कि शायद मंदिर का ही कोई व्यक्ति इस चोरी में शामिल हो सकता है।
स्ट्रांग रूम के भीतर सीसीटीवी नहीं था, लेकिन जहां पर काम चल रहा था, वहां सीसीटीवी लगे थे। फुटेज में यह साफ दिखाई दिया कि जब कपड़ा बैग स्ट्रांग रूम में रखा गया, तो रॉड मौजूद थी, लेकिन जब इसे खोला गया, तो वह गायब हो गई थी।
पुलिस की जांच और विचार
पुलिस ने कहा कि यह घटना एक चोरी की कोशिश हो सकती है, या फिर सोना रखने वालों की कोई गलती हो सकती है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या कोई चोर कानूनी पचड़े में फंसने से बचने के लिए रॉड वापस कर गया।
अब पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है, और जिन लोगों पर सोने की छड़ रखने की जिम्मेदारी थी, उनके खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।