New Delhi. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूली शिक्षा के पूरे ढांचे को बदलने का दावा किया जा रहा है। कहा गया था कि इसमें बच्चों को रट्टू तोता बनाने की बजाए उनमें इनोवेटिव सोच और प्रेक्टिकल नॉलेज पर फोकस किया जाएगा। अब इसके जमीनी स्तर पर लागू करने का प्लान बनाया गया है। जिसके तहत 3 साल से 18 साल तक की उम्र में बच्चे चार चरणों में शिक्षा प्राप्त करेंगे। इन चरणों को 5+3+3+4 के स्टेज में बांटा गया है। एनसीएफ ने प्री ड्राफ्ट जारी कर इन चारों चरणों को विस्तार से बताया है।
इन चार चरणों में पहले 5 साल आंगनवाड़ी या किंडर गार्डन के साथ प्राथमिक शिक्षा के 2 साल रखे गए हैं। अगले चरण के तीन साल बच्चों को क्लास 3 से 5 तक की पढ़ाई कराई जाएगी। उसके बाद के चरण में मिडिल स्कूल और आखिर के 4 साल हायर सेकेंडरी लेवल वाले ही रखे गए हैं। कुल जमा बात यही है कि प्राथमिक शिक्षा को 5$3 के दो चरणों में विभक्त कर दिया गया है।
- यह भी पढ़ें
हर पीरियड 40 मिनट निर्धारित
एनसीएफ ने प्रीपरेट्री और मिडिल स्टेज में हर सप्ताह 25 मिनिट प्रार्थना या असेंबली के लिए रखे हैं। इसके बाद हर पीरियड 40 मिनिट की समयावधि का निर्धारित किया है। हर पीरियड बदलने पर 5 मिनट की समयावधि ट्रांजिशन टाइम के लिए दी जाएगी। वहीं 15 मिनिट का स्नैक ब्रेक औश्र 45 मिनट का लंच ब्रेक भी टाइम टेबल में रखा गया है।
11वीं-12वीं में सेमेस्टर पद्धति से पढ़ाई
नई शिक्षा नीति में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई सेमेस्टर सिस्टम से कराने का निर्णय लिया गया है। इसमें विद्यार्थी 8 में से 4 विषय ही पढ़ेंगे। इस प्रकार 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के लिए छात्र को 16 कोर्स में पास होना होगा। वहीं 9वीं और 10वीं में छात्रों को अपना मनपसंद विषय चुनने का विकल्प मिलेगा। उन्हें साइंस, सोशल साइंस और ह्यूमैनिटीज पढ़ाये जाऐंगे।