NEW DELHI.
नेशलन मेडिकल कमीशन (NMC) ने तय मानकों का पालन नहीं करने पर 40 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता सामाप्त कर दी है। इसके साथ ही 100 मेडिकल कॉलेजों पर भी मान्यता खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। इनमें तमिलनाडु, गुजरात, असम, पंजाब, आंद्रप्रदेश, पुदुचेरी और पश्चिम बंगाल के कॉलेज शामिल हैं।
जिन कॉलेजों की मान्यता निरस्त की गई है उनका एक महीने तक NMC द्वारा निरीक्षण किया गया था। इस दौरान कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे, आधार से जुड़ी बायोमीट्रिक अटेंडेस और फैकल्टी रोल में गड़बड़ियां मिली हैं। इन संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, उनके काम करने के मानकों का पालन नहीं हो रहा था। साथ ही छात्रों को पढ़ाने वाली फैक्ल्टी की पोजीशन खाली मिली थीं।
अपील कर सकते हैं कॉलेज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि हमें छात्रों को अच्छी मेडिकल एजुकेशन देनी है, हमें अच्छे डॉक्टर तैयार करने हैं। उन्होंने कहा था कि जो कॉलेज तय मानकों का पालन नहीं करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिन कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की गई है वो नियमानुसार 30 दिन में NMC में अपील कर सकते हैं। यहां अपील खारिज होती है तो वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क कर अपना पक्ष रख सकते हैं।
देश में बढ़ रही है मेडिकल कॉलेजों की संख्या
देश में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से नए-नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। देश में 2014 में 7 एम्स थे जो अब बढ़ कर 22 हो गए हैं। साल 2014 से मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संसद में भारत सरकार द्वारा दिए गए एक जवाब से सामने आया कि साल 2014 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे। फरवरी में दिए गए उत्तर के अनुसार इनकी संख्या 654 हो चुकी थी। वहीं, MBBS की सीटों की संख्या जहां 2014 में 51,348 थी जो इस साल की शुरुआत तक 99,763 हो गई है। इसके साथ ही सुपर स्पेशियालिटी वाली पीजी सीटों की बात करें तो 2014 में यह 31,185 थीं जो 64,559 हो गई हैं।