BHOPAL. आज राष्ट्रीय खेल दिवस है, हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की जयंती है। अलग-अलग खेलों की दुनिया में मध्यप्रदेश का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। अच्छे मैदान, कोच और सुविधाएं मिलने की वजह से खिलाड़ी खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर पा रहे हैं। शूटिंग, वॉटर स्पोर्ट्स और हॉकी जैसे खेलों को मध्यप्रदेश सरकार बढ़ावा दे रही है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वर्ल्ड क्लास शूटिंग रेंज बनाई गई है। एस्ट्रो टर्फ हॉकी स्टेडियम बनाया गया है। भोपाल झीलों की नगरी है, इसलिए वॉटर स्पोर्ट्स में भी तमाम सुविधाएं देकर खिलाड़ियों को देश के लिए मेडल लाने के लिए तैयार किया जा रहा है।
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मध्यप्रदेश में वर्ल्ड क्लास शूटिंग रेंज
अंतर्राष्ट्रीय रायफल शूटर और मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी में रायफल कोच वैभव शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी एशिया की टॉप शूटिंग अकादमी में से एक है। 2023 में यहां पर शूटिंग वर्ल्ड कप का आयोजन होगा। इस शूटिंग रेंज पर लगातार दो नेशनल चैंपियनशिप आयोजित की जा चुकी हैं। शूटिंग अकादमी में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं दे रही है। अंदाजन हम मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी से 4 से 5 खिलाड़ियों को वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में भेजने के लिए तैयार हैं।
शूटिंग में MP की उपलब्धि
- नेशनल मेडल - 108 गोल्ड, 87 सिल्वर, 160 ब्रॉन्ज, कुल 355 मेडल
मध्यप्रदेश के प्रतिभावान शूटर
- ऐश्वर्य प्रताप सिंह टोक्यो ओलंपिक-2020 में 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन इवेंट में 21वें नंबर पर रहे थे।
शूटिंग में उम्र का कोई बैरियर नहीं-कोच दीपक कुमार दुबे
मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी में शूटिंग कोच और ज्यूरी मेंबर दीपक कुमार दुबे ने बताया कि शूटिंग में कोई उम्र का बैरियर नहीं है। खिलाड़ी की उम्र से फर्क नहीं पड़ता, किसी भी उम्र का खिलाड़ी खेल सकता है। कोच दीपक कुमार ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार खेलों को लगातार बढ़ावा दे रही है। इसका बेस्ट उदाहरण यही है कि ये वर्ल्ड क्लास शूटिंग रेंज बनी हुई है। एमपी शूटिंग रेंज को इंटरनेशनल टूर्नामेंट जल्द ही मिल सकता है। कोच दीपक बताते हैं कि शूटिंग एक बेहद ही सेफ गेम है। इसे कोई भी खेल सकता है। खिलाड़ी के अच्छे प्रदर्शन में पैरेंट्स और कोच का अहम रोल होता है।
MP शूटिंग रेंज वर्ल्ड क्लास इवेंट के लिए तैयार-कोच मनीष गिरि
कोच मनीष गिरि ने शूटिंग किट का महत्व बताते हुए कहा कि किट से खिलाड़ी को फायदा मिलता है। किट खिलाड़ी को स्थिरता और संतुलन प्रदान करती है। मनीष गिरि का कहना है कि मध्यप्रदेश शूटिंग रेंज वर्ल्ड क्लास इवेंट के लिए पूरी तरह से तैयार है। मध्यप्रदेश सरकार शूटिंग पर बहुत ध्यान दे रही है। सीएम शिवराज और खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के सार्थक प्रयास हैं। इतनी बड़ी शूटिंग रेंज बनाने के लिए बड़ा बजट लगता है, हर राज्य इतना बजट पास नहीं करता है। पिछले 5 सालों में पूरे देश में शूटिंग के अंदर काफी बदलाव हुआ है। 5 साल पहले इंडियन टीम ट्रायल में 200 से 250 शूटर आते थे लेकिन अब करीब 2 हजार शूटर आ रहे हैं।
वॉटर स्पोर्ट्स में आगे बढ़ते मध्यप्रदेश के खिलाड़ी
अर्जुन अवॉर्डी सेलिंग कोच जीएल यादव ने बताया कि 2006 में मध्यप्रदेश में वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी की स्थापना हुई। इसके बाद वॉटर स्पोर्ट्स में धीरे-धीरे खिलाड़ियों ने नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया। उसी समय नेशनल सेलिंग स्कूल की स्थापना हुई, उसका रिजल्ट हमें 2018 के एशियन गेम्स में मिला। हमारी लड़की ने पहली बार एशियन गेम्स का मेडल जीतकर दिया। कोच जीएल यादव का कहना है कि हम भाग्यशाली है कि हमारे पास इतना बड़ा लेक है जो वॉटर स्पोर्ट्स के लिए फ्रेंडली कंडीशन्स बनाता है। सेलिंग में हवा के जरिए खेल चलता है। एशियन गेम्स और 2024 ओलंपिक को देखते हुए खिलाड़ियों को तैयार किया जा रहा है। आज से 5 साल पहले हम ग्रो कर रहे थे लेकिन अब हम किसी इवेंट में जाते हैं तो सोचते हैं कि मेडल का कलर कौनसा होगा।
वॉटर स्पोर्ट्स में MP की उपलब्धि
रोइंग
- नेशनल मेडल- 37 गोल्ड, 35 सिल्वर, 31 ब्रॉन्ज, कुल 103 मेडल
सेलिंग
- नेशनल मेडल - 75 गोल्ड, 67 सिल्वर, 48 ब्रॉन्ज, कुल 189 मेडल
क्याकिंग और कैनोइंग
- नेशनल मेडल - 396 गोल्ड, 244 सिल्वर, 107 ब्रॉन्ज, कुल 747 मेडल
मध्यप्रदेश के प्रतिभावान वॉटर स्पोर्ट्स प्लेयर्स
- सेलिंग में हर्षिता तोमर ने 2018 एशियन गेम्स में बॉन्ज मेडल जीता।
हॉकी को पुनर्जीवित करती मध्यप्रदेश सरकार
भोपाल को कभी हॉकी की नर्सरी कहा जाता था। यहां हर दूसरा बच्चा हॉकी स्टिक लिए नजर आता था। भोपाल ने देश को जलालुद्दीन रिजवी और असलम शेरखान जैसे खिलाड़ी दिए जिन्होंने ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया। धीरे-धीरे भोपाल के बच्चों के हाथों से हॉकी स्टिक छूट-सी गई लेकिन मध्यप्रदेश सरकार अब हॉकी को पुनर्जीवित करने की कवायद कर रही है। मध्यप्रदेश में एस्ट्रो टर्फ हॉकी स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। हॉकी के अलग-अलग टूर्नामेंट कराए जा रहे हैं। अच्छी से अच्छी सुविधाएं दी जा रही हैं। युवा खिलाड़ियों को हॉकी स्टिक थमाने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।
पुरुष हॉकी में MP की उपलब्धि
- नेशनल मेडल - 6 गोल्ड, 3 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज, कुल 13 मेडल
मध्यप्रदेश के प्रतिभावान पुरुष हॉकी खिलाड़ी
- विवेक सागर और नीलकंठ शर्मा टोक्यो ओलंपिक-2020 में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम में शामिल थे।
महिला हॉकी में MP की उपलब्धि
नेशनल मेडल - 36 गोल्ड, 23 सिल्वर, 19 ब्रॉन्ज, कुल 78 मेडल
इंटरनेशनल मेडल - 8 गोल्ड, 9 सिल्वर, 10 ब्रॉन्ज, कुल 27 मेडल
मध्यप्रदेश की प्रतिभावान महिला हॉकी खिलाड़ी
- मध्यप्रदेश की वंदना कटारिया, रीना खोखर और सुशीला चानू भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य हैं।