Nautapa 2024 : आज से नौतपा, क्या है महत्व, कैसी होती है ग्रहों की चाल, इसका मौसम पर क्या असर

नौतपा अबकी बार 25 मई यानी आज से शुरू हो गया है, जो 2 जून तक चलेगा। मान्यता है कि नौतपा में अगर हल्की बारिश भी आ जाए तो आगे मानसून अच्छा आने की संभावना रहती है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश को ही नौतपा कहते हैं....

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Sandeep Kumar
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ज्योतिषशास्त्र में नौतपा ( Nautapa ) का विशेष महत्व है। 25 मई यानी आज से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसी दिन से नौतपा की शुरुआत हो गई है। इसको लेकर ज्योतिष कहते हैं कि इस दौरान तेज धूप और सूर्य का रौद्र रूप देखने को मिलेगा।  इस नौ दिनों में लोग घरों में रहें।  कहा जाता है कि नौतपा में अगर बरसात हो जाए तो भविष्य में भी अच्छी बरसात होगी। हिंदी पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र ( Surya Rohini Nakshatra ) में आता है, उस दिन से नौतपा की शुरुआत होती है।  इस समय सूर्य वृषभ राशि में रहेगा।  इस साल का नौतपा 25 मई यानी आज रात 3:17 बजे से शुरू होकर 2 जून तक रहेगा। इस दौरान रोहिणी नक्षत्र में सूर्यनारायण भगवान जबरदस्त प्रचंड से तेज ऊष्मा को प्रभावित करेंगे।  इससे आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।  ज्योतिष मत यह है कि रोहिणी तपती है तो उस समय हवा, तूफान, आंधी व बादल आते हैं। अगर इन दिनों बारिश ना हो तो अकाल का साया पड़ने की संभावना रहती है।  हालांकि हमेशा यह देखने को मिलता है कि नौतपा में कम से कम हल्की बारिश तो जरूर होती है। 

नौतपा में क्या करें क्या न करें ?

ज्योतिषशास्त्र की माने तो नौतपा में गर्मी तेज होती है।  आध्यात्म यही कहता है कि घर पर बैठकर परमात्मा का स्मरण करना चाहिए।  वहीं जो परिश्रम का काम है उनको समय रहते पूरा करना चाहिए।  इस दौरान ताप घात की भी संभावना रहती है।  मैं आमजन से यह अपील करता हूं कि 9 दिन शरीर की पूरी रक्षा व सुरक्षा करें।  छोटे बच्चों को घरों पर रखें।  अधिकतर पेय पदार्थ का उपयोग करें। 

नौतपा में न करें ये गलतियां

नौतपा में सूर्य की गर्मी से पूरी पृथ्वी गर्म हो जाती है। इस दौरान दिन के समय यात्रा करने से बचना चाहिए।  नौतपा के दौरान अधिक मिर्च, मसाले और तेल वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।  इसके अलावा मांस और शराब के सेवन से भी बचें।  नौतपा के दौरान तूफान की आशंका काफी बढ़ जाती है।  नौतपा के दौरान बैंगन न खाने की सलाह दी जाती है।  इसमें आंधी, तूफान और लू चलने की आशंका ज्यादा है।  इसलिए विवाह, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों से बचना चाहिए। 

नौतपा में क्या करें?

नौतपा के दौरान हल्का भोजन करना चाहिए।  इसमें जितना हो सके उतना पानी पीना चाहिए।  नौतपा में पक्षियों के लिए मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर रखना चाहिए।  ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।  इस दौरान राहगीरों को भी पानी पिलाना चाहिए।  नौतपा में शिवलिंग पर जल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है।  इस माह में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है।  कहा जाता है कि ज्येष्ठ माह में ही हनुमान जी की प्रभु श्रीराम से मुलाकात हुई थी। 

एमपी में रहेगा नौतपा का ये असर

मध्य प्रदेश में नौतपा का असर रहेगा। पहले ही दिन गुना, अशोकनगर और निवाड़ी में लू का रेड अलर्ट है। यदि 10 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 5 साल ऐसे रहे, जब नौतपा में प्रदेश जमकर तपा। सबसे गर्म ग्वालियर, चंबल, मालवा-निमाड़ रहे। अबकी बार भी इन्हीं जिलों में भीषण गर्मी पड़ेगी। इससे पहले शुक्रवार को राजगढ़, रतलाम-नीमच में रिकॉर्ड 46 डिग्री पारा रहा। इनमें राजगढ़ सबसे गर्म रहा। यहां दिन का तापमान 46.3 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, 12 शहरों में तापमान 44 डिग्री के पार रहा। मौसम विभाग ने शनिवार को छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में आंधी-बारिश का अलर्ट भी जारी किया है। IMD भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, 31 मई तक प्रदेश में भीषण गर्मी का अलर्ट है। ग्वालियर, चंबल, इंदौर-उज्जैन संभाग में तेज गर्मी पड़ेगी। अन्य जिलों में भी हीट वेव, यानी गर्म हवाओं का असर रहने का अनुमान है।

49 डिग्री सेल्सियस पहुंचेगा तापमान

आज से नौतपा शुरू हो गया है। यह 2 जून तक चलेगा। इस दौरान देश के कुछ हिस्सों में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। मौसम विभाग ने शनिवार को दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के लिए लू (हीटवेव) का रेड अलर्ट जारी किया है। उत्तर भारत में शुक्रवार को तापमान अधिकतम 49 और न्यूनतम 31 डिग्री सेल्सियस रहा। राजस्थान में गर्मी की वजह से 5 मौतें हुईं। इस तरह राज्य में दो दिन में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है।

पिछले वर्ष से न्यूनतम तीन व अधिकतम एक डिग्री सेल्सियस बढ़ा

गत वर्ष के सापेक्ष शुक्रवार को न्यूनतम तापमान तीन और अधिकतम एक डिग्री बढ़ा है। गत वर्ष न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस था, जबकि इस साल 30 डिग्री सेल्सियस है। इसी तरह गत वर्ष अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस था, जबकि इस साल 43 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि पिछली वर्ष से एक डिग्री अधिक है।

कश्मीर घाटी में तापमान में इजाफा

उधर, कश्मीर घाटी में तापमान में इजाफा हुआ है। श्रीनगर मौसम विभाग ने बताया कि 23 मई को अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह 11 साल में सबसे ज्यादा रहा। 25 मई 2013 को 32.2 डिग्री सेल्सियस था।

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