चंडीगढ़. नवजोत सिंह सिद्धू ने 23 जुलाई को बाकायदा पंजाब कांग्रेस चीफ का पद संभाल लिया। पंजाब कांग्रेस भवन में उन्होंने अपने तेवर दिखाए। जब स्पीच के लिए उठे तो भगवान को याद किया। क्रिकेटर थे तो शॉट मारने का एक्शन भी दिया। अपनी दाईं ओर बैठे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरीश रावत को इग्नोर करते हुए आगे बढ़ गए। पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भट्ठल और लाल सिंह के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद सिद्धू ने कहा- मेरा दिल चिड़े जैसा नहीं है। जो मेरा विरोध करेंगे, वे मुझे और मजबूत बनाएंगे। मेरी चमड़ी मोटी है। किसी के कहने-सुनने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।
कार्यकर्ताओं के बिना कोई पार्टी टिक नहीं सकती
सिद्धू ने आगे ये भी कहा- परखने से कोई अपना नहीं रहता, किसी भी आइने में ज्यादा देर चेहरा नहीं रहता। आज पूरे पंजाब के कांग्रेस कार्यकर्ता प्रधान बन गए हैं। क्योंकि कार्यकर्ताओं के सहयोग के बिना कोई पार्टी राजनीति में टिक नहीं सकती। 15 अगस्त से अपना बिस्तरा कांग्रेस भवन में लगेगा। मंत्रियों से अपील है कि वे मुझसे मिलने आएं, पंजाब मॉडल को आगे ले जाकर दिल्ली मॉडल को फेल करना है।
नाराज लोगों को साथ लेकर आऊंगा
सिद्धू ने कहा कि इस वक्त सबसे बड़ा मसला ये है कि हमारे किसान दिल्ली में बैठे हैं। मैं किसानों से मिलना चाहता हूं। इसके अलावा बेअदबी का मसला है। ETT टीचर सड़कों पर हैं। डॉक्टर हड़ताल पर हैं। कंडक्टर, ड्राइवर धरने पर हैं। इन सभी के मसले हमें हल करने हैं। इसके लिए उनकी समस्याएं सुननी होंगी। मैं सभी के बीच जाऊंगा, बात करूंगा और उन्हें हरसंभव तरीके से अपने साथ लेकर आऊंगा।
कैप्टन बोले- सिद्धू के पिता मुझे राजनीति में लाए थे
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंच से सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के कार्यक्रम में सुनील जाखड़ की तारीफों के पुल बांधे। कैप्टन ने कहा कि जाखड़ ने पंजाब कांग्रेस के लिए बहुत कुछ किया है। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सिद्धू के जन्म के समय मेरा सेना में कमीशन हुआ था। सिद्धू के पिता पटियाला कांग्रेस के प्रधान रहे और वही मुझे राजनीति में लेकर आए। सोनिया जी ने मुझसे कहा कि अब नवजोत पंजाब के अध्यक्ष होंगे और आप दोनों को मिलकर काम करना होगा। मैंने सोनिया जी से कह दिया था कि आपका फैसला मंजूर होगा।
पंजाब भवन में सिद्धू ने फेर ली थीं नजरें
इससे पहले पंजाब भवन में कांग्रेस के नए प्रधान सिद्धू ने कैप्टन को देखकर पहले तो नजरें फेर लीं थीं और आगे बढ़ गए। पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू को आवाज देकर वापस बुलाया और अमरिंदर सिंह से मुलाकात कराई। कैप्टन ने सिद्धू को पास आकर बैठने को कहा तो वह कांग्रेस भवन के कार्यक्रम में लेट होने की बात कहने लगे। कई बार कहने पर सिद्धू उनके पास आकर बैठे।