Mumbai. कई बार सियासी उलफेर के साक्षी बने महाराष्ट्र में अब पवार बनाम पवार की लड़ाई रोमांचक हो गई है। बुधवार (5 जुलाई) को राकांपा प्रमुख शरद पवार और नेता अजित पवार ने अपने-अपने समर्थक विधायकों, सांसदों की बैठक बुलाई है। शरद गुट की बैठक दोपहर 3 बजे दक्षिण मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर में होगी, जबकि अजित गुट की बैठक बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी में होगी। कुल 53 विधायकों में से जिस गुट में जितने ज्यादा विधायक, वही असली NCP होने का संवैधानिक दावा कर सकेगा। सूत्रों के मुताबिक, शरद और अजित गुट की बैठकों में आने वालों से एफिडेविट लाने को कहा गया है। इसके लिए व्हिप भी जारी किया गया है। इस बीच, अजित गुट ने अपने साथ 42 विधायकों के समर्थन की बात कही है।
हलफनामे में विधायकों के हस्ताक्षर
शरद पवार गुट के लोगों ने उनके घर सिल्वर ओक के बाहर पोस्टर लगाए हैं, जिनमें कहा गया है कि 83 साल का एक योद्धा लड़ाई लड़ने के लिए अकेले जा रहा है। अजित गुट की बैठक में एनसीपी नेताओं और समर्थकों का जुटना शुरू हो गया है। समर्थन देने पहुंच रहे विधायकों से हलफनामे में हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं।
भुजबल बोले- फैसले एक दिन में नहीं लिए जाते
छगन भुजबल ने कहा, 'फैसले एक दिन में नहीं लिए जाते। हमने पार्टी के लिए जो अच्छा है, वह किया है. हमने एनसीपी को सत्ता में लाकर शरद पवार को गुरुदक्षिणा दी है। उनके भतीजे डिप्टी सीएम बने हैं। हमने यह सब योजना के तहत किया है. अगर अजित 60 सालों से राजनीति में हैं, तो हम भी 56 साल से राजनीति कर रहे हैं। हम इस लड़ाई को चुनाव आयोग में लड़ेंगे।'
शिरसाट बोले- हमारे कुछ साथी निराश
शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट ने कहा कि हमारे कुछ साथी निराश हैं। हम पहले भी एनसीपी के खिलाफ थे। हम उनके पास नहीं गए, वे हमारे पास आए हैं। उन्हें हमारी बात माननी होगी।
अब आगे क्या?
पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण के मुताबिक NCP के 53 में से 37 से ज्यादा विधायक अजित के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से बच जाएंगे। 36 से कम रहे तो निलंबन तय है। CM शिंदे के खिलाफ उद्धव गुट फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। मांग है कि शिंदे के विधायकों की लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द फैसला हो।
दल-बदल कानून : क्या हैं शर्तें?
दल-बदल कानून की दो शर्तें हैं। जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में NCP के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए।
विधानसभा स्पीकर : अभी किसी पक्ष का दावा नहीं आया
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा, 'अभी किसी भी पक्ष ने दावा नहीं किया है कि पार्टी का विभाजन हुआ है। अजित पवार और शरद पवार गुटों के बीच अभी लंबी लड़ाई चलेगी। संभावना है कि आगामी मानसून सत्र में इस बारे में यह स्थिति साफ हो सकेगी कि विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक कौन होगा।'
अजित ने नया ऑफिस बनाया, शरद बोले- मेरी फोटो का इस्तेमाल न करें
अजित पवार के नए पार्टी दफ्तर के उद्घाटन से पहले वहां हंगामा हुआ। अजित पवार समर्थकों ने आरोप लगाया कि PWD विभाग ने उन्हें दफ्तर की चाबी नहीं सौंपी थी। इसलिए गेट को धक्का मारकर खोला गया। हालांकि, बाद में अजित वहां पहुंचे और पार्टी दफ्तर का उद्घाटन किया। अजित पवार ने नए ऑफिस में शरद पवार की तस्वीर लगाई। इस पर NCP चीफ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा- जिन लोगों ने मेरी विचारधारा को धोखा दिया, उन्हें मेरी तस्वीर का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं।
प्रफुल्ल पटेल बोले- राजनीति पारिवारिक रिश्ते के बीच न आए
अजित गुट में शामिल हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि राजनीति पारिवारिक रिश्ते के बीच न आए। मैं खुद को भी पवार परिवार का एक हिस्सा मानता हूं। हम केवल शरद पवार से इसे स्वीकार करने की अपील कर सकते हैं। वह जो अच्छा समझेंगे, वो फैसला लेंगे।
शरद पवार बने ‘गुरु’, तस्वीर लगाने का यह है सच
प्रफुल्ल बोले- शरद पवार हमारे गुरु हैं। हम हमेशा उनका और उनके पद का आदर करेंगे। वह हम सभी के लिए पितातुल्य हैं। हम अनादर की दृष्टि से उनकी तस्वीर का उपयोग नहीं करते, यह वास्तव में उनके प्रति हमारा सम्मान है। प्रफुल्ल के इस बयान पर NCP नेता जितेंद्र अव्हाड ने कहा, 'मैं प्रफुल्ल पटेल का बहुत सम्मान करता हूं और उन्होंने जो कुछ भी कहा उससे यह समझ आता है कि राजनीति को पारिवारिक संबंधों के बीच नहीं आना चाहिए। मेरी भी यही राय है।'