IMFHAL. मणिपुर में NDA के सहयोगी दल कुकी पीपुल्स अलायंस (KPA) ने बीरेन सिंह सरकार का साथ छोड़ दिया है। कुकी पीपुल्स एलायंस ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। रविवार शाम को पार्टी ने ये फैसला लेकर साथ छोड़ने की घोषणा की। मणिपुर में मई से जारी हिंसा और हालात सामान्य नहीं होने के चलते पार्टी ने बड़ा फैसला किया है।
KPN प्रमुख ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखा पत्र
कुकी पीपुल्स अलायंस (KPA) पार्टी ने रविवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखे एक पत्र में समर्थन वापस लेने की घोषणा की। केपीए अध्यक्ष तोंगमांग हाओकिप ने पत्र में कहा कि मौजूदा टकराव पर लंबा विचार करने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की मौजूदा सरकार के लिए समर्थन जारी रखने का अब कोई मतलब नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि केपीए मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले रही है। इससे पहले, कुकी पीपल्स अलायंस के अध्यक्ष तोंगमांग हाओकिप ने कहा था कि राज्य में जारी हिंसा और अलग प्रशासन को लेकर कुकी समुदाय की मांगों पर अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है जिस वजह से कुकी-जोमी-हमार विधायकों के लिए विधानसभा सत्र में शामिल लेना संभव नहीं होगा।
विधानसभा में कुकी पीपुल्स एलायंस के 2 विधायक
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में कुकी पीपुल्स एलायंस के कुकी पीपुल्स एलायंस (KPA) के 2 विधायक हैं। उसमें सैकुल से केएच हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग शामिल हैं। मणिपुर विधानसभा में कुकी-जोमी समुदाय के 10 विधायक हैं, जिनमें से 7 बीजेपी के, दो कुकी पीपुल्स एलायंस और एक निर्दलीय विधायक शामिल है।
KPN के अलग होने से क्या बीजेपी सरकार को खतरा?
केपीए के समर्थन वापस लेने के सीएम एन बीरेन सिंह और सरकार को कोई खतरा नहीं है। BJP के पास सबसे ज्यादा 37 सीटें हैं। इसके अलावा पार्टी को 5 NPF, 7 NPP और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में 60 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी (NDA) के पास अभी भी 40 विधायक हैं, जो सरकार को बहुमत में रखे हुए हैं। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के 5 विधायक और JDU के पास एक विधायक हैं।