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NEW DELHI.बीबीसी के दफ्तरों पर आयकर के छापों के बीच एक बात निकलकर आई है कि 1940 के दशक में बीबीसी ने रिपोर्टिंग में पक्षपात किया था और भारत की आजादी के आंदोलन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की लोकप्रियता को प्रभावित करने का प्रयास किया था। जिसके जवाब में नेताजी ने आजाद हिंद रेडियो लॉन्च किया था। जिसका प्रसारण जर्मनी से होता था। बीबीसी (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन) को नेताजी Bluff and Bluster corporation कहा करते थे।
बीबीसी के दफ्तरों पर आयकर कार्रवाई जारी
बीबीसी के दफ्तरों पर आयकर कार्रवाई जारी है। आयकर विभाग की टीम 48 घंटे से भी ज्यादा समय से टैक्स गड़बड़ी को लेकर बीबीसी के खातों की जांच कर रही है। आयकर की यह कार्रवाई सोमवार ( 13 फरवरी) दोपहर 12 बजे से शुरू हुई है। हालांकि बीबीसी पर आयकर विभाग की कार्रवाई को विपक्ष मीडिया को डराने के लिए उठाया गया कदम बता रही है, वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि यह कानूनी कार्रवाई है और इससे ऊपर कोई नहीं है।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को बैन किया
कुछ दिन पहले ही गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री को केंद्र सरकार ने बैन कर दिया था। इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात के तत्कालीन सीएम और पीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। बीजेपी ने भी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की तरह बीबीसी को दुनिया का सबसे बकवास और भ्रष्ट कॉरपोरेशन बताया है। बीजेपी ने कहा कि अगर बीबीसी के कृत्य को देखें, तो यह पूरे विश्व की सबसे भ्रष्ट और बकवास कॉरपोरेशन हो गई है।
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बीबीसी का शुरू से की टकराव रहा
बीबीसी की स्थापना से ही इनका भारत की सत्ता से बीच बीच में टकराव होता रहा है। आजादी के पहले बीबीसी ब्रिटेन की औपनिवेशिक नीतियों का पोषक बना गया था। 1940 के दशक में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की लोकप्रियता देश में चरम पर थी। नेताजी ने बीबीसी की कवरेज, रिपोर्टिंग में पक्षपात का तीखा अनुभव किया था। जिसके जवाब में नेताजी आजाद हिंद रेडियो लेकर आए थे और नेताजी बीबीसी को Bluff and Bluster corporation कहते थे।
बीबीसी रेडियो सेवा बनी ​थी ब्रिटेन का हथियार
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बीबीसी रेडियो सेवा साम्राज्यवादी ब्रिटेन के हाथों में प्रोपगैंडा वार का हथियार बन चुकी थी। बीबीसी आजादी की लड़ाई में भारतीयों के संघर्ष को अंग्रेजी नजरिए से दुनिया के सामने प्रसारित कर रहा था। जिससे भारतीयों की बात और पक्ष दुनिया के सामने नहीं आ पा रहा था। अंग्रेजों के प्रोपगैंडा वार का जवाब देने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत से हजारों किलोमीटर दूर 1942 में जर्मनी में आजाद हिंद रेडियो की स्थापना की थी।
पक्ष पात के कारण आजाद हिंद रेडियो शुरू हुआ
आजाद हिंद रेडियो विश्व युद्ध की दो धुव्रीय दुनिया में भारत की स्वतंत्र आवाज बनकर उभरा था। नेताजी 1941 में जर्मनी के बर्लिन पहुंचे और ब्रिटेन के खिलाफ रेडियो वार की रूपरेखा तैयार की। नेता जी ने दो नवंबर 1941 को बर्लिन में सबसे पहले फ्री इंडिया सेंटर की स्थापना की थी और बाद में वहीं से आजाद हिंद रेडियो पर खबरों का प्रसारण शुरू हुआ। आजाद हिंद रेडियो से ही 23 अक्टूबर 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटेन और मित्र राष्ट्रों के खिलाफ जंग का ऐलान किया था। आजाद हिंद रेडियो पर प्रसारित होने वाले नेताजी के जोशीले भाषण देशवासियों में नई ऊर्जा का संचार कर रहे थे।
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