BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का पेंच इस सप्ताह सुलझने की उम्मीद, राजनाथ या शिवराज, असली पत्ते खुलना बाकी

बीजेपी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी आलाकमान और संघ के बीच पेच फंसा हुआ है। कई राज्यों में अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान जारी है।

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Rohit Sahu
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर लंबे समय से पेच फंसा हुआ है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि नड्डा की जगह कौन? कयासों का दौर जारी है। कई नाम दौड़ रहे हैं, मगर सुगबुगाहट राजनाथ सिंह के नाम की है तो कुछ लोग शिवराज का नाम भी सामने कर रहे हैं। हालांकि दावेदारों की सूची लंबी है। 

संघ और पार्टी आलाकमान में घमासान

सूत्रों के अनुसार, संघ ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए अपनी राय पार्टी आलाकमान के सामने पहले ही रख दी थी। संघ का कहना है कि नए अध्यक्ष को संगठन को मजबूत करने वाला होना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक संदेश के लिए इसे एक अवसर के रूप में इस्तेमाल किया जाए। वहीं, पार्टी आलाकमान का कहना है कि अध्यक्ष के चयन के साथ-साथ संगठन में बड़े बदलाव किए जाएंगे।

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जनवरी में होना था चुनाव, अब तक अटका फैसला

बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव जनवरी 2025 में होना था,लेकिन इसके बाद कई वजहों से चुनाव टलते गया। बीजेपी में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव में देरी का एक मुख्य कारण जातिगत समीकरण और राजनीतिक स्थिति भी मानी जा रही है। प्रदेशों में जहां जातिगत समीकरण को साधना जरूरी है।

ये नेता बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे

  • शिवराज सिंह चौहान: 6 बार सांसद, 4 बार सीएम, RSS से मजबूत जुड़ाव।
  • राजनाथ सिंह: केंद्र में मंत्री हैं। मोदी के करीबी माने जाते हैं।  
  • सुनील बंसल: यूपी, ओडिशा और बंगाल में सफलता, संगठन पर मजबूत पकड़, RSS से करीबी संबंध।
  • धर्मेन्द्र प्रधान: ओबीसी नेता, शिक्षा मंत्री, 40 वर्षों राजनीतिक अनुभव, मोदी-शाह के भरोसेमंद।
  • रघुवर दास: झारखंड के पहले गैर-आदिवासी सीएम, 5 साल का स्थिर शासन, सामाजिक समीकरण में मजबूत।
  • स्मृति ईरानी: सशक्त महिला चेहरा, दक्षिण भारत तक प्रभाव, संगठन और प्रशासन में अनुभव।
  • वानति श्रीनिवासन: भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष, संघ परिवार से जुड़ाव।
  • तमिलिसाई सौंदर्यराजन: पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, मोदी-शाह की करीबी, दक्षिण भारत में सक्रियता।

अब तक निर्विरोध होता आया अध्यक्ष का चयन

बीजेपी में अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव आमतौर पर निर्विरोध ही होता रहा है। यानी एकमात्र नामांकन के चलते बिना वोटिंग के अध्यक्ष चुना जाता है। इस बार भी इसी परंपरा के जारी रहने की संभावना है। हालांकि, 2013 में यह परंपरा एक बार टूटी थी, जब नितिन गडकरी को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। उस वक्त यशवंत सिन्हा ने नामांकन फॉर्म लिया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया था। बाद में जब गडकरी ने खुद पद लेने में रुचि नहीं दिखाई, तब सिन्हा ने अपना नामांकन वापस ले लिया और राजनाथ सिंह को अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

4-6 जुलाई के बीच बैठक में हो सकता नया राष्ट्रीय अध्यक्ष तय

बात करें अगर संघ के कार्यक्रम की, तो 4 से 6 जुलाई तक दिल्ली में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक आयोजित हो रही है, जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत और अन्य प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही चर्चा का विषय यह भी हो सकता है कि नए अध्यक्ष के साथ पार्टी में बड़े बदलाव किए जाएंगे या नहीं।

राज्यों में चुनाव के बाद तय होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव

बीजेपी संविधान के अनुसार, कई राज्यों में भी अध्यक्ष पद के चुनाव होने हैं। इन राज्यों के अध्यक्ष के चुनावों के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। पार्टी आलाकमान की योजना है कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों के अध्यक्षों के चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाए।

यूपी में बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए इन नामों की चर्चा

उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा और समीकरण बहुत जटिल हैं। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस पद के लिए कई नामों पर चर्चा की है, जिनमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और ओबीसी नेता धर्मपाल सिंह के नाम प्रमुख हैं। इस विषय पर फैसला पार्टी आलाकमान को ही करना है, क्योंकि चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष का चयन एक बड़ा मुद्दा बन गया है।

कर्नाटक में बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए दुविधा

कर्नाटक में भी बीजेपी के सामने यह दुविधा है कि राज्य के सबसे बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को अध्यक्ष बनाया जाए या किसी नए चेहरे को मौका दिया जाए। राज्य में लिंगायत समुदाय का प्रभाव काफी है, और विजयेंद्र के नेतृत्व को लेकर पार्टी में अंदरुनी विवाद चल रहा है।

महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में कौन बनेगा अध्यक्ष?

महाराष्ट्र में पहले ही रविंद्र चव्हाण को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया जा चुका है, और उम्मीद है कि उन्हें ही पार्टी अध्यक्ष बनाया जाएगा। वहीं, पश्चिम बंगाल में पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति एक कठिन कार्य बन गई है। सुकांता मजूमदार का नाम चर्चा में है, लेकिन पार्टी नेतृत्व इस पर विचार कर रहा है कि टीएमसी से बीजेपी में आए शुभेंदु अधिकारी को अध्यक्ष बनाया जाए या फिर कोई महिला नेता इस पद को संभाले।

मध्य प्रदेश में जातिगत समीकरण में उलझा पेंच

मध्य प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष पद को लेकर ओबीसी, एससी और एसटी समुदायों के जातिगत समीकरण को साधना एक अहम मुद्दा बन गया है। मध्यप्रदेश की राजनीति में इन वर्गों की बड़ी हिस्सेदारी है, और पार्टी को ऐसे चेहरे की जरूरत है जो इन समुदायों का प्रतिनिधित्व कर सके। एमपी में नरोत्तम मिश्रा, हेमंत खंडेलवाल, राजेंद्र शुक्ल का नाम चर्चा में है।

गुजरात में सौराष्ट्र से पाटीदार चेहरा बन सकता है अध्यक्ष

गुजरात में पार्टी ने पहले से ही सौराष्ट्र से पाटीदार चेहरा पेश किया है, जो पार्टी के लिए अहम साबित हो सकता है। 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी का नया अध्यक्ष चुना जाएगा।

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