NEW DELHI. एक साल में पूरे देश में 3 नए क्रिमिनल जस्टिस कानून लागू कर दिए जाएंगे। इसका नोटिफिकेशन 26 जनवरी तक जारी कर दिया जाएगा। अधिसूचित हो जाने पर नए कानूनों के तहत आपराधिक मामले दर्ज किए जा सकेंगे। फुलप्रूफ ऑनलाइन सिस्टम सुनिश्चित करने के लिए चंडीगढ़ में ट्रायल रन होगा। ये अधिकांश रिकॉर्ड डिजिटल होंगे।
भोपाल में होगी ट्रेनिंग
भोपाल की एक ट्रेनिंग अकेडमी में नए कानूनों को लेकर न्यायिक अधिकारियों की ट्रेनिंग होगी। ट्रेनिंग के लिए करीब 3 हजार अफसरों की भर्ती होगी। तीनों कानून संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किए गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को कानूनों को सहमति दे दी है। भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
3 साल के अंदर आएगा पहला फैसला
नए कानून अधिसूचित होने के 3 साल के अंदर पहला फैसला आ सकता है। सरकार ने देश के सभी 850 पुलिस जिलों में तैनात करने के लिए 900 फॉरेंसिक वैन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे किसी भी अपराध के बाद फॉरेंसिक सबूत जल्द इकठ्ठा किए जा सकेंगे।
1 साल में फॉरेंसिक ट्रेनिंग
3 कानून लागू होने के बाद गृह मंत्रालय पुलिस अधिकारियों, जांचकर्ताओं और फॉरेंसिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगा। ट्रेनिंग से इन कानूनों को सुचारू रूप से लागू करने, निष्पक्ष, समयबद्ध और साक्ष्य-आधारित जांच और जल्द सुनवाई सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। अगले 9 महीनों से 1 साल के अंदर 90 प्रतिशत ऐसे लोगों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें ट्रेनिंग की जरूरत है। नए कानूनों में रिकॉर्ड बनाने, सप्लाई करने, जीरो FIR, FIR, चार्जशीट डिजिटल होगी। पीड़ितों को डिजिटली जानकारी दी जाएगी।