धनतेरस पर RBI ने ब्रिटेन से क्यों मंगाया 102 टन सोना, जानें वजह

भारतीय रिजर्व बैंक ने धनतेरस पर बैंक ऑफ इंग्लैंड के तिजोरियों से 102 टन सोना भारत लाया है। इस गोल्ड की खेप को सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है। इस सोने को सिक्रेट मिशन के तहत भारत में लाया गया है।

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Vikram Jain
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NEW DELHI RBI brought 102 tonnes of gold from Bank of England to India
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NEW DELHI.  धनतेरस पर लोगों ने ही नहीं भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने भी खरीददारी है। आरबीआई ने ब्रिटेन से 102 टन सोने की नई खेप मंगाकर अपनी तिजोरी भरी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने खुलासा किया है कि उसने बैंक ऑफ इंग्‍लैंड से 102 टन सोना भारत के नाम ट्रांसफर किया गया है। भारत में यह गोल्ड सिक्रेट मिशन के तहत लाया गया है। आरबीआई ने इससे पहले ब्रिटेन से मई में 100 टन सोना मंगाया था। सितंबर के आखिर तक आरबीआई के पास टोटल 855 टन सोना था, जिसमें से देश में 510.5 टन रखा गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सोने को मंगाने का यह निर्णय रणनीतिक परिवर्तन को बताता है। बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के चलते, भारत का केंद्रीय बैंक अपने विदेश में जमा सोने को देश में लाने का प्रयास कर रहा है, ताकि सोने की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सिक्रेट मिशन के तहत भारत लाया गोल्ड

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सितंबर 2022 से अब तक 214 टन सोना विदेश से वापस भारत लाया गया है, जो भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार की संपत्ति को घर के करीब लाने की प्राथमिकता को दर्शाता है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इन भंडारों को घरेलू स्तर पर रखने से अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों के बीच महंगाई और अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर सुरक्षा बढ़ जाती है। ब्रिटेन से यह सोना की खेप गोपनीय तरीके से मंगाया जाता है।

गिरवी रखा हुआ था 100 टन सोना

मई की शुरुआत में, यह बताया गया था कि भारत ने पहले ही यूके से गिरवी रखा हुआ 100 टन सोना वापस मंगाया है, यह गोल्ड 1990 के दशक में जमा किया गया था। उस समय सरकार ने यह सोना गिरवी रखा था, यह सोना भुगतान संतुलन संकट के दौरान विदेशी बैंकों को संपार्श्विक के रूप में गिरवी रख दिया था। ताकि विदेशों से पैसा आ सके और भारत की आर्थिक प्रबंधन सही हो सके, लेकिन आज भारत मजबूत स्थिति में है, ऐसे में उद्देश्य आपात स्थितियों में धन का लाभ उठाने के स्थान पर उसे सुरक्षित रखना है।

अभी भी इंग्‍लैंड में है भारत का इतना गोल्ड

अभी भारत का 324 टन गोल्‍ड भंडार यूके में स्थित बैंक ऑफ इंग्‍लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट की देखरेख में है।  अपने सुरक्षित बुलियन वेयरहाउस के लिए के प्रसिद्ध बैंक ऑफ इंग्लैंड 1697 से विश्व के केंद्रीय बैंकों के लिए कीमती धातुओं का भंडारण कर रहा है, जिससे उसे लंदन के बुलियन बाजार के तरलता लाभों का लाभ मिलता है।

सोना क्‍यों खरीदता है केंद्रीय बैंक

आरबीआई का सोने को स्टॉक में रखने का मुख्य उद्देश्य महंगाई और विदेशी मुद्रा के जोखिमों से सुरक्षा प्रदान करते हुए अपनी विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विविधता लाना है। आरबीआई ने दिसंबर 2017 से बाजार से सोना जमा करने की प्रक्रिया को नियमित रूप से प्रारंभ किया है। देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी को दिसंबर 2023 के अंत में 7.75 प्रतिशत से बढ़ाकर अप्रैल 2024 के अंत तक लगभग 8.7 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।

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