1 अप्रैल से शुरू होगा नया फाइनेंशियल सत्र, टैक्स सेविंग के लिए जाने ये जरूरी बातें, ऐसे बचाएं अपनी गाढ़ी कमाई

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Rajeev Upadhyay
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1 अप्रैल से शुरू होगा नया फाइनेंशियल सत्र, टैक्स सेविंग के लिए जाने ये जरूरी बातें, ऐसे बचाएं अपनी गाढ़ी कमाई

New Delhi. 31 मार्च को 12 बजे हालिया वित्त वर्ष समाप्त होने जा रहा है। 1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत हो जाती है। इस बचे हुए समय में यदि आप अपनी मेहनत की कमाई को बचाना चाहते हैं तो टैक्स सेविंग के लिए कुछ जरूरी निवेश कर सकते हैं। क्योंकि आपके पास अब समय काफी कम बचा है। 




यहां कर सकते हैं निवेश




टैक्स बचत के लिए आप के पास कई विकल्प हैं, इनमें सबसे विश्वसनीय है एफडी, एनपीएस, पीपीएफ और इंश्योरेंस। इनमें से किसी भी विकल्प को चुनकर टैक्स सेविंग कर सकते हैं। साथ ही साथ इस निवेश में अच्छा खासा रिटर्न भी मिलता है। दरअसल सभी बैंकों ने रेपो रेट बढ़ने के बाद अपने फिक्स डिपॉजिट पर दिए जाने वाले ब्याज की दरें बढ़ा दी हैं। 



फिक्स्ड डिपॉजिट में किए गए निवेश का लॉक इन पीरियड 5 साल का होता है। इसमें इन्वेस्टमेंट करके आप आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। एक वित्त वर्ष में निवेशक को 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल जाती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए एफडी और भी बेहतर साबित होता है, क्योंकि उन्हें इसके तहत 8 फीसदी या इससे अधिक का ब्याज मिलता है। 




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  • पीपीएफ भी बेहतर विकल्प



    टैक्स सेविंग के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ भी बेहतर विकल्प है। इस स्कीम में रिटर्न की गारंटी खुद सरकार देती है, वित्त वर्ष की हर तिमाही से पहले पीपीएफ पर ब्याज दरों का निर्धारण किया जाता है। फिलहाल इसमें सालाना आधार पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है, इस स्कीम में निवेश करके भी 80 सी के तहत सलाना 1.50 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। इसमें निवेशक 15 वर्षों के लिए निवेश कर सकते हैं। हालांकि, पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख रुपये निवेश किया जा सकता है।



    पेंशन फंड में मिलती है ज्यादा टैक्स छूट




    अगले इन्वेस्टमेंट ऑप्शन की बात करें तो नेशनल पेंशन फंड यानि एनपीएस को चुना जा सकता है। इस स्कीम में निवेश करके आप एक वित्त वर्ष में दो लाख रुपये तक टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। 1.50 लाख रुपये की छूट इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत मिलती है, तो वहीं एनपीएस के टियर 1 खाते में योगदान देने पर 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिल सकती है। 



    इंश्योरेंस के जरिए भी मिल सकती है छूट




    आप लाइफ या हेल्थ इंश्योरेंस खरीदकर भी टैक्स सेविंग कर सकते हैं, इंश्योरेंस न सिर्फ मुश्किल की घड़ी में आपको सुरक्षा देने में मददगार है, बल्कि टैक्स बचाते हुए आपकी गाढ़ी कमाई को भी बचाने का काम करता है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के तहत करदाता यदि हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरता है, तो एक वित्तीय वर्ष में उसके लिए टैक्स छूट का दायरा 25 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक होता है।


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