पूर्व सांसद बोले : वक्फ की जमीन पर बनी है नई संसद, सरकार से की ये मांग

नई संसद वक्फ की जमीन पर बनी है और सरकार वक्फ की जमीन को हड़पना चाहती है। यह आरोप पूर्व सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाया है। उन्होंने जमीन को मुस्लिम समाज को सौंपने की मांग की।

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Madhav Singh
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ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष और असम के धुबरी से पूर्व सांसद बदरुद्दीन अजमल ने नए संसद भवन को लेकर बड़ा दावा किया है। अपने दावे में उन्होंने कहा है कि नया संसद भवन वक्फ की जमीन पर बना है। उन्होंने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल का विरोध किया है। आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार वक्फ की जमीन को हड़पना चाहती है।

'वक्फ की जमीन मुस्लिम समाज को सौंप दें'

बताते चलें कि बदरुद्दीन अजमल ने वक्फ बिल के खिलाफ बोलते हुए कहा कि नई संसद वक्फ की जमीन पर बनी है। वक्फ बोर्ड की 9.7 लाख बीघा जमीन को सरकार हड़पना चाहती है। उन्होंने मांग की है कि सरकार को वक्फ की जमीन मुस्लिम समाज को सौंप देनी चाहिए। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि सरकार को वक्फ की जमीन मुसलमानों को सौंप देनी चाहिए। हम अपनी जमीन पर शिक्षा, हेल्थ और अनाथालय का इंतजाम हम खुद कर लेंगे। इसके लिए हमें सरकार से कोई अहसान नहीं चाहिए।

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सरकार अंबानी और अदाणी को देना चाहती है जमीन 

आरोप लगाते हुए अजमल ने कहा कि सरकार वक्फ की जमीन अंबानी और अदाणी जैसे उद्योगपतियों को फाइव स्टार होटल बनाने के लिए दे रही है। वक्फ की जमीनें हमारे पूर्वजों द्वारा हजारों सालों से दी जा रही जमीन है। कुरान और हदीस में ऐसा कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी जमीन दान करता है तो उसकी आत्मा को शांति मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार वक्फ बोर्ड जिला कलेक्टर के हाथों में दे देगी तो ये अधिकारी हमारे साथ पक्षपात करेंगे।

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कौन हैं बदरुद्दीन अजमल?

बताते चलें कि मौलाना बदरुद्दीन अजमल मुस्लिम धर्मगुरु और पूर्व सांसद हैं। वह ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उन्होंने इस संगठन को 2005 में असम के मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा के लिए स्थापित किया था। वह 2019 में असम की धुबरी लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। हालांकि 2024 के चुनाव में वो हार गए थे। अजमल का राजनीतिक करियर विवादों से भरा रहा है। उन पर असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों का समर्थन करने का आरोप भी लगाया जाता रहा है।

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