AYODHYA. राम की नगरी में रामलला के दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। 13 जनवरी, शुक्रवार को निर्माणाधीन राम मंदिर की नई तस्वीरें सामने आई। यहां करीब 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। गर्भगृह के पिलर कई फीट तक बन चुके हैं। परकोटे के मंदिर का काम भी जारी है। मंदिर निर्माण का पहला चरण अगस्त 2023, दूसरा चरण दिसंबर 2024 और तीसरा व अंतिम चरण 2025 तक पूरा होगा।
मंदिर निर्माण में 800 करोड़ रुपए हो चुके हैं खर्च
जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर का प्रथम तल इस साल अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं जनवरी 2024 में गर्भगृह में रामलला विराजेंगे। मंदिर निर्माण क्षेत्र में राजस्थान से आए पत्थरों पर कारीगर डिजाइन उकेर रहे हैं। खूबसरती के साथ एक-एक पत्थर को मंदिर में लगाने के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। गर्भगृह के आसपास की दीवारें चारों तैयार हो चुकी हैं। मंदिर की भाषा में इन दीवारों को मनडोवर कहा गया है। ये दीवार भी पत्थरों की ऊंचाई के साथ एक साथ ऊपर चल रही हैं। मंदिर निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। कुल खर्च का अनुमान करीब 1800 करोड़ रुपए लगाया गया है।
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गर्भगृह की दीवार बनकर तैयार, परिक्रमा पथ का काम जारी
चंपत राय ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह की दीवार बनकर तैयार हो चुकी है। यहां परिक्रमा पथ का काम जारी है। गर्भगृह के अतिरिक्त 5 मंडप और बनाए गए हैं। गर्भगृह में राम के बाल स्वरूप का पूजन मुहूर्त देखकर किया जाएगा। रामलला की पत्थर की मूर्ति तैयार की जा रही है। विद्वानों का विचार है कि गर्भगृह में भगवान का विग्रह खड़ा होना चाहिए।
सिंह जैसा होगा प्रवेश द्वार, परकोटे की टोटल लंबाई 762 मीटर
राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का पूरा काम शुरू हो चुका है। परकोटे की टोटल लंबाई 762 मीटर है। परकोटे के चार कोने में 4 मंदिर रहेंगे। प्रवेश द्वार सिंह जैसा होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना है कि जनवरी 2024 से मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। गर्भगृह के छह खंभों का निर्माण भी शुरू हो चुका है। इन्हें मकराना के मार्बल से बनाया जा रहा है। मार्बल के खंभेनुमा पीस को एक-दूसरे में जोड़कर तैयार किया जा रहा है। ये खंभे 19.3 फीट ऊंचे होंगे। इसके अतिरिक्त मुख्य मंदिर के गर्भगृह में फर्श, मेहराब, रेलिंग, दरवाजे के फ्रेम सफेद मकराना संगमरमर से ही तैयार किए जाएंगे, इनकी गढ़ाई शुरू हो चुकी है।