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NEW DELHI. अंग्रेजी के जानेमाने पत्रकार और संपादक संदीप बमजई ने कश्मीर के मुद्दे पर नई किताब गिल्डेड केज (सुनहरा पिंजरा) लिखी है। आज कश्मीर में जो कुछ हो रहा है और इससे पहले जो कुछ हो चुका है, इसे जानने- समझने की कोशिश करने वाले किसी भी बुद्धिजीवी या पत्रकार के लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी है। लेखक संदीप बमजई की नई किताब कश्मीर घाटी में ब्रिटिश राज के सूर्यास्त के वर्षों लेकर 8 अगस्त, 1953 को शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की बर्खास्तगी और उन्हें जेल भेजे जाने तक के घटनाक्रम के लेखाजोखा से रूबरू कराती है। अंग्रेजी में लिखी गई इस किताब में जम्मू- कश्मीर के ऐतिहासिक मुद्दों से जुड़े नए और चौंकाने वाले तथ्यों का बेहद रोचक अंदाज में विवरण दिया गया है।
शेख अब्दुल्ला ने पाला आजाद कश्मीर का सपना
कश्मीर के मुद्दे पर बमजई की इस किताब में बताया गया है कि किस तरह शेख अब्दुल्ला ने पाकिस्तान की खातिर कश्मीर हड़पने के मोहम्मद अली जिन्ना के सपने को हवा दी। एक ऐसा सपना जिसे जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के तत्कालीन प्रधानमंत्री राम चंद्र काक ने खुशी-खुशी पूरा किया होगा। कैसे कश्मीरी राष्ट्रवादी नेता ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को घाटी में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी कबाइली हमलावरों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू करने के लिए राजी किया। कैसे शेख अब्दुल्ला ने खुद को एक जम्मू से अलग स्वतंत्र कश्मीर के अपने विशिष्ट दृष्टिकोण में बांधा, जो जवाहरलाल नेहरू के विस्तारवादी भारत के विचार से पूरी तरह अलग था।
ब्लिट्ज में कश्मीर पर पाकिस्तान की साजिश का खुलासा
किताब में 1947 के उस तनावपूर्ण अक्टूबर के बारे में भी रोचक जानकारियों का जिक्र है। खासकर उस समय जब नई दिल्ली में द ब्लिट्ज के तत्कालीन ब्यूरो चीफ केएन बमज़ई ( लेखक संदीप बमजई के दादा) ने तत्कालीन गवर्नर सर जॉर्ज कनिंघम की चिट्ठी के हवाले से एक विस्फोटक खबर के जरिए कश्मीर में कबाइलियों के हमले के पीछे पाकिस्तान के हुक्मरानों की भूमिका खुलासा किया।
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डॉ. कर्ण सिंह ने लिखी है किताब की प्रस्तावना
रुपा पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित गिल्डेड केज की प्रस्तावना पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.कर्ण सिंह ने लिखी है। ये लेखक संदीप बमजई की 'बोनफायर ऑफ कश्मीरियत: डिकंस्ट्रक्टिंग द एक्सेशन' (रूपा 2006) और 'प्रिंसेस्टन: हाउ नेहरू, पटेल एंड माउंटबेटन मेड इंडिया' (रूपा 2020) के बाद तीसरी किताब है। पिछले 40 वर्षों से देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर काम चुके संदीप बामजई इंडो-एशियन न्यूज सर्विस (आईएएनएस) के प्रधान संपादक और प्रबंध निदेशक हैं। उन्होंने कोलकाता में 'द स्टेट्समैन' के साथ एक क्रिकेट लेखक के रूप में अपना करियर शुरू किया। पिछले दो दशकों में वे टीवी टुडे में कार्यकारी संपादक, 'मेल टुडे' में संपादक, और 'फाइनेंशियल क्रॉनिकल' में प्रधान संपादक और सीओओ की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।