LUCKNOW. उत्तरप्रदेश में पुलिस कस्टडी के दौरान अतीक अहमद और अशरफ अहमद की मौत को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया है। आयोग ने यूपी पुलिस के महानिदेशक और प्रयागराज पुलिस आयुक्त को नोटिस भेजा है। नोटिस का जवाब देने के लिए आयोग ने दोनों ही अधिकारियों को 4 सप्ताह का समय दिया है। आयोग द्वारा मांगी गई रिपोर्ट में मुख्य रूप से हत्याकांड का संपूर्ण विवरण मांगा है, जैसे-समय, जगह और गिरफ्तार करने का कारण भी शामिल हैं। आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत और एफआईआर की कॉपी भी मांगी गई है। इसके साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी उनके घरवालों को दी गई या नहीं इस बात की भी जानकारी मांगी गई है।
तीन हमलावर ने बरसाई कई गोलियां
उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी है। तीन हमलावरों ने दोनों को नजदीक से निशाना बनाकर कई राउंड फायर किया। एक हमलावर ने तो अतीक के सिर पर पिस्टल सटाकर फायरिंग की। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावरों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।
बमबाज के नाम से पहचाना जाता है गुड्डू मुस्लिम
अपराध की दुनिया में गुड्डू मुस्लिम को बमबाज के नाम से जाना जाता है। उसने उमेश पाल की हत्या में बमबाजी की थी। कहा जाता है कि बम बनाने में वो इतना माहिर है कि चलते-फिरते भी बम बना सकता है। उसका अपराध और माफिया से पुराना रिश्ता रहा है। साल 1997 में लखनऊ के लॉ मार्टिनियर कॉलेज में बॉयज हॉस्टल के वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पीटर गोम्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद अतीक ने ही उसकी जमानत कराई थी।
आरोपी बोले-इसलिए मार डाला
अतीक और असरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपी फिलहाल जेल में हैं। पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि अतीक अहमद का पाकिस्तान से कनेक्शन था। उसने और उसके गैंग के लोगों ने तमाम बेकसूर लोगों की हत्या की थी। अतीक जमीन हड़पने के लिए हत्या करता था और विरोध में गवाही देने वालों को भी नहीं छोड़ता था। उसका भाई अशरफ भी ऐसा करता था, इसलिए हमने दोनों को मार डाला। पूछताछ में आरोपियों ने यह भी बताया कि वे बड़ा माफिया बनना चाहते हैं इसलिए वारदात को अंजाम दिया।
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8 घंटे से प्रयागराज में होटल लेकर रूके थे हमलावर
अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले हमलावर लवलेश तिवारी, शनि और अरुण मौर्य 48 घंटे से प्रयागराज में एक होटल में कमरा लेकर रूके थे। सूत्रों के मुताबिक आरोपी सनी सिंह पहले भी जेल जा चुका है और जेल में ही वह भाटी गैंग के मुखिया सुंदर भाटी का खास बन गया। हमीरपुर जेल में उसकी मुलाकात सुंदर भाटी से हुई थी। पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों हत्यारोपियों पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। शूटर अरुण पर पहले से हत्या का मामला दर्ज है। सनी पर 15 मामले चल रहे हैं। वहीं, लवलेश पर भी पहले से मुकदमा दर्ज है। तीनों के परिजनों ने कहा है कि उनका हत्यारों से कोई लेन-देन नहीं है।