NEW DELHI. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को 'गज़वा-ए-हिंद' आतंकी मॉड्यूल मामले में 3 राज्यों में छापेमारी की। एनआईए ने पटना में दो जगह, दरभंगा में एक जगह, सूरत और बरेली में भी छापेमारी की। छापेमारी में डिजिटल डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड और दस्तावेज आपत्तिजनक सामग्री जब्त किए हैं। गजवा ए हिंद मॉड्यूल पाकिस्तान से संचालित हो रहा था और बड़ी संख्या में लोग इस मॉड्यूल से जुड़े हुए हैं, इनमें कई भारतीय भी हैं।
जुलाई 2022 में पटना से हुई थी मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी
एनआईए ने इस मामले का खुलासा बीते साल किया था। 14 जुलाई 2022 को बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ क्षेत्र केमरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तार किया था। इसके बाद एनआईए ने 22 जुलाई को मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। मरगूब के विरुद्ध 6 जनवरी 2023 को आईपीसी और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। आरोपित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल का सदस्य था। गजवा-ए-हिंद का मकसद प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था। इसे पाकिस्तान स्थित गुर्गों द्वारा संचालित किया गया था। जांच से पता चला कि मरगूब एक व्हाट्सएप ग्रुप ”गजवा-ए-हिंद” का एडमिन था, जिसे जैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था। उसने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए देश में स्लीपर सेल स्थापित करने के उद्देश्य से कई भारतीयों, पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और यमनी नागरिकों को समूह में जोड़ा था।
भारत को इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था मकसद
एनआईए ने बताया कि आरोपी, पाकिस्तान से संचालित गजवा ए हिंद मॉड्यूल का सदस्य है। यह मॉड्यूल का उद्देश्य युवाओं को अपने साथ जोड़कर उन्हें कट्टरपंथी बनाना है। जांच में पता चला कि दानिश व्हाट्सएप पर बनाए गए गजवा ए हिंद ग्रुप का एडमिन था और इसका पेज पाकिस्तान से बनाया गया था। इस ग्रुप में कई भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और यमन मूल के लोग जुड़े हुए थे। ये लोग देश में स्लीपर सेल बनाना चाहते थे ताकि आतंकी हमलों को अंजाम दिया जा सके। आरोपी ने सोशल मीडिया पर कई अन्य ग्रुप भी बनाए थे जैसे बांग्लादेशी गजवा ए हिंद और उसमें बांग्लादेश के युवाओं को जोड़ा था।