BHOPAL. वित्त मंत्री निर्मला सितारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि इस बार के बजट में किसी बड़ी घोषणा की अपेक्षा ना करें। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि इस बार पूरा बजट पेश नहीं होगा। इस बार केवल अंतरिम बजट ही पेश किया जाएगा।
अंतरिम बजट क्या होता है?
बता दें कि चुनावी साल में सरकार फुल बजट पेश नहीं करती, ऐसे में अंतरिम बजट ही जारी किया जाता है। वित्त मंत्री अंतरिम बजट में एक छोटी अवधि के लिए सरकार के खर्चों और राजस्व को पेश करते हैं, जब तक कि एक नई सरकार निर्वाचित होकर कार्यभार नहीं संभाल लेती। इसीलिए अंतरिम बजट को अस्थायी वित्तीय विवरण भी हो जाता है। जानकारी के मुताबिक ये बजट 1 फरवरी 2024 को सुबह 11 बजे संसद के बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। बता दें कि नई सरकार के निर्वाचित होने के बाद नई सरकार फुल बजट पेश करती है। आमतौर पर ये बजट जुलाई में पेश किया जाता है।
वोट-ऑन-अकाउंट क्या होता है?
बजट के जरिए वोट-ऑन-अकाउंट भी पारित किया जाता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वोट-ऑन-अकाउंट और अंतरिम बजट दोनों एक बातें हैं। दरअसल वोट-ऑन-अकाउंट एक प्रावधान है जो सरकार को कर्मचारियों की सैलेरी और बाकी जरूरी सरकारी खर्चे के लिए संसद से मंजूरी लेनी होती है। इसमें बड़े नीतिगत बदलाव या लंबे समय तक चलने वाली कोई नई योजना शामिल नहीं होती, क्योंकि इन्हें आमतौर पर आम चुनावों के बाद पूर्ण बजट में पेश किया जाता है. यह आमतौर पर दो महीने तक के लिए वैध होता है लेकिन इसे बढ़ाया भी जा सकता है.
फुल बजट और अंतरिम बजट में क्या अंतर है?
"पूर्ण बजट", या केंद्रीय बजट, अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की लागत और खर्च का वार्षिक वित्तीय विवरण है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण भी कहा जाता है। लेकिन अंतरिम बजट में सालभर का ब्योरा नहीं होता, केवल उतना ही होता है जितने में सरकार अगली सरकार के निर्वाचित होने तक चल जाए।