NEW DELHI. इनकम टैक्स स्लैब में छूट की आस लगाए बैठे लोगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अंतरिम बजट से निराशा हाथ लगी है। सरकार ने आम आदमी को इस बार इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आप 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं।
वहीं नई टैक्स रिजीम चुनने पर पहले की तरह ही 3 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसमें भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत सैलरिड पर्सन 7.5 लाख रुपए तक की इनकम पर और अन्य लोग 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
पुरानी टैक्स रिजीम को ऐसे समझें
भोपाल के सीए संजय श्रीवास्तव के अनुसार मान लीजिए, अगर किसी की सालाना इनकम 5 लाख रुपए है। पुरानी टैक्स रिजीम में 2.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है। ऐसे में बचे हुए 2.5 लाख रुपए पर उस व्यक्ति पर 5% के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी, उसे 12,500 रुपए टैक्स चुकाना होगा। पर सरकार इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है।
इसमें एक पेंच भी है। अगर आपकी कमाई 5 लाख रुपए से एक रुपए भी ज्यादा हुई तो आपको एक रुपए पर नहीं बल्कि ढाई लाख एक रुपए पर टैक्स चुकाना होगा। अब 2.5 लाख रुपए पर 5% के हिसाब से 12,500 रुपए की टैक्स देनदारी बनेगी। वहीं बचे हुए 1 रुपए पर 20% के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। यानी, 12,501 रुपए टैक्स चुकाना होगा।
सालाना इनकम 5 लाख वालों को चुकाना होगा 10 हजार टैक्स
मान लीजिए, अगर किसी की सालाना इनकम 5 लाख रुपए है। नई टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है। ऐसे में बचे हुए 2 लाख रुपए पर उस व्यक्ति पर 5% के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी, उसे 10,000 रुपए टैक्स चुकाना होगा। पर इस रिजीम में सरकार 7.5 लाख तक की इनकम पर टैक्स को सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है।
इसे भी समझें...
इसमें भी एक पेंच है। अगर आप सैलरीड है और आपकी कमाई 7.5 लाख रुपए से एक रुपए भी ज्यादा हुई तो आपको एक रुपए पर नहीं बल्कि 4,50,001 रुपए पर टैक्स चुकाना होगा। अब 3 लाख रुपए का टैक्स माफ होने के बाद बचे हुए 4,50001 रुपए में से 3 लाख रुपए पर 5% की दर से 15,000 रुपए और बाकी 1,50,001 रुपए पर 10% की दर से 15,000 रुपए चुकाने होंगे।
यानी टैक्स की कुल देनदारी 30,000 रुपए बनेगी। यहां हम आपको ये भी बता दें कि जो लोग सैलरिड नहीं है उन्हें टैक्स डिडक्शन का फायदा 7 लाख रुपए तक की रकम पर ही मिलता है। नए टैक्स सिस्टम में सैलरिड लोगों को 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा अलग से मिलता है, इसलिए उनकी 7.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री हो जाती है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल के दो ऑप्शन
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।
पुराने टैक्स रिजीम पर इनकम टैक्स एक्स के सेक्शन 80C के तहत 1,50,000 रुपए तक का डिडक्शन मिलता है। इसके अलावा और भी कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा पुरानी रिजीम में लिया जा सकता है। एक और बड़ा अंतर यह है कि पुरानी रिजीम में सेक्शन 87A के तहत रिबेट के बाद 5 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री होती है, जबकि नई रिजीम में 7.5 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो जाती है।
पिछले बजट (2024) में टैक्स और निवेश को लेकर हुए थे ये बड़े बदलाव
सरकार ने नई टैक्स रिजीम के लिए रिबेट को 7 लाख रुपए कर दिया था
नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों के लिए रिबेट की लिमिट 7 लाख रुपए कर दी गई है। पहले ये 5 लाख रुपए थी। बजट में सैलरीड क्लास को एक और राहत दी गई है। नए टैक्स सिस्टम में 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल कर लिया गया।
सीनियर सिटीजन और मंथली इनकम स्कीम में निवेश की सीमा बढ़ाई
पिछले बजट में सरकार ने सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में निवेश की सीमा को बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दिया था। पहले इस स्कीम में अधिकतम 15 लाख रुपए ही निवेश कर सकते थे। इस स्कीम में सालाना 8.2% ब्याज दिया जा रहा है।
वहीं मंथली इनकम स्कीम में निवेश सीमा को बढ़ाकर 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए कर दिया गया था। जॉइंट अकाउंट के लिए के भी लिमिट को 9 लाख से बढ़ाकर 15 लाख की गई थी। इस स्कीम में 7.4% सालाना ब्याज मिल रहा है।
महिला सम्मान स्कीम में 2 लाख रु. तक के निवेश में 7.5% का ब्याज
बजट में 7.5% ब्याज दर के साथ ‘महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट’ लॉन्च की गई थी। इसमें महिलाएं 2 सालों के लिए अधिकतम 2 लाख रुपए जमा कर सकती हैं। यानी, 2 लाख रुपए के निवेश पर इस स्कीम में दो साल में 32 हजार रुपए का फायदा होगा।
बिना पैन के PF निकालने पर कम टैक्स
प्रोविडेंट फंड (PF) से निकासी को लेकर टैक्स के नियम में बदलाव किया गया था। PAN लिंक्ड नहीं होने पर निकासी के दौरान 30% की जगह 20% TDS वसूलने का फैसला किया गया। बदले नियम का फायदा उन PF होल्डर्स को हो रहा है, जिनका पैन अभी तक अपडेटेड नहीं है।