तस्करी मामले में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एलेस बियालियात्स्की को 10 साल की कैद, 53 लाख रुपए का जुर्माना 

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BP Shrivastava
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तस्करी मामले में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एलेस बियालियात्स्की को 10 साल की कैद, 53 लाख रुपए का जुर्माना 

BELARUS. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की को बेलारूस की लोकल कोर्ट ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। बियालियात्स्की को यह सजा लोक व्यवस्था बिगाड़ने वाली गतिविधियां करने, वित्तपोषण करने और तस्करी के मामले में दी गई है। हालां​कि एलेस की सजा को लेकर बेलारूस की विपक्षी पार्टी ने कड़ा विरोध किया है और कहा कि यह बहुत भयावह। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने एलेस की गिरफ्तारी पर निराशा जताई है। जानकारी के मुताबिक राजधानी मिंस्क के लेनिनस्की डिस्ट्रिक कोर्ट ने 60 वर्षीय बियालियात्स्की पर 65 हजार यूएस डॉलर यानी करीब 53 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया है। एलेस को 2022 में नोबल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है।



एलेस के दो अन्य साथियों को भी सजा, 2021 से थे हिरासत में



बियालियात्स्की वेसना ह्युमन राइट्स सेंटर के प्रमुख हैं। बियालियातस्की के साथ ही वेसना ह्युमन राइट्स सेंटर के प्रतिनिधि वेलेंटाइन स्टेफनोविच और व्लादिमीर लाबकोविच को भी 9-7 साल तक की सजा सुनाई है। तीनों को सजा के दौरान एक सुरक्षित पैनल कॉलोनी में रखा जाएगा। साथ ही दिमित्री सोलोवियोव को भी आठ साल की सजा सुनाई गई है, लेकिन वह फिलहाल बेलारूस से बाहर हैं। जुलाई 2021 में वेसना सेंटर के प्रतिनिधियों को हिरासत में लिया गया था। जांच में पता चला कि एलेस बियालियातस्की और अन्य सदस्य अप्रैल 2016 से जुलाई 2021 के दौरान विभिन्न संगठनों से लिथुआनिया में फंड लिया था। इसके बाद इन फंड्स को कई लोगों की मदद से यूरेशियन इकॉनोमिक यूनियन की सीमा से बाहर भेज दिया गया। बेलारूस के कानून के मुताबिक यह अपराध है और इस अपराध की सजा अधिकतम 12 साल है। 



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विपक्ष ने बेलारूस सरकार पर साधा निशाना, कहा भयावह



एलेस बियालियात्स्की को सजा सुनाए जाने के बाद विपक्ष ने बेलारूस सरकार और इसके नेता लुकाशेंको पर निशाना साधा है। विपक्ष की नेता स्वितलाना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, जिनमें नोबेल शांति पुरस्कार विजेता एलेस बियालियात्स्की को सजा सुनाई गई है। यह भयावह है। एलेस ने अपना जीवन अत्याचार के खिलाफ लड़ने में लगा दिया। वह बेलारूस के एक सच्चे हीरो हैं और तानाशाह के बाद भी उनका नाम सम्मान से लिया जाएगा।' संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तर्क ने भी एलेस बियालियात्स्क समेत मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर निराशा जाहिर की। 



लोकतंत्र समर्थक हैं एलेस



बेलारूस में एलेस बियालियात्स्की लोकतंत्र समर्थक माने जाते हैं और इसी कारण से वह अक्सर बेलारूस की तानाशाही एलेक्जेंडर लुकाशेंको सरकार के निशाने पर रहते हैं। बियालियात्स्की ने 1980 से अब तक बेलारूस में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों को दर्ज किया है। साल 2020 में जब बेलारूस में लुकाशेंकों सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए थे, उस वक्त भी बियालियात्स्की को गिरफ्तार किया गया था। 


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