New Delhi. बढ़ती साइबर ठगी और धोखाधड़ी जैसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है। सरकार ने सिम डीलरों के पुलिस वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। इसी के साथ थोक कनेक्शन (थोक में सिम) लेने पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। नए नियमों की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार (17 अगस्त) को दी है। उन्होंने बताया कि इसी साल मई में सरकार ने धोखाधड़ी करने वाले 52 लाख सिम कनेक्शन को डिएक्टिवेट यानी बंदर कर दिया है। इसके अलावा 67 हजार सिम कार्ड डीलरों को ब्लैकलिस्टेड किया है। मई से लेकर अब तक 300 सिम कार्ड डीलरों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
चैटिंग ऐप वॉट्सऐप भी है अलर्ट
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव वॉट्सऐप का जिक्र करते हुए कहा है कि वॉट्सऐप ने 66,000 अकाउंट ब्लॉक किए हैं। वॉट्सऐप ने ऐसे अकाउंट की पहचान कर ब्लॉग किया है जो धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने कहा, अब हमने धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए सिम डीलरों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। इतना ही नहीं, मानदंडों का उल्लंघन किया जाता है तो डीलरों पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
10 लाख सिम डीलर को पुलिस वेरिफिकेशन के लिए मिलेगा पर्याप्त समय
वैष्णव ने कहा, देशभर में 10 लाख सिम डीलर हैं, जिन्हें पुलिस वेरिफिकेशन के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। दूरसंचार मंत्रालय थोक कनेक्शन पर रोक लगाने के साथ इसकी जगह कमर्शियल कनेक्शन की एक नई अवधारणा पेश करने जा रहा है।
अब डिजिटल तरीके से केवाइसी
धोखाधड़ी के मामलों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने केवाईसी को भी अनिवार्य किया है। अश्विनी वैष्णव ने कहा, व्यवसायों की केवाईसी के साथ सिम लेने वाले व्यक्ति की केवाईसी भी की जाएगी। जल्द ही केवाइसी केवल डिजिटल तरीके से ही कराना अनिवार्य होगा, वहीं आधार कार्ड का वेरीफिकेशन क्यूआर कोड से किया जाएगा।