बालासोर हादसे की जांच में खुलासा- कोरोमंडल एक्सप्रेस को सिग्नल दिया, फिर वापस लिया, ट्रेन लूपलाइन में गई और मालगाड़ी से टकरा गई

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Atul Tiwari
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बालासोर हादसे की जांच में खुलासा- कोरोमंडल एक्सप्रेस को सिग्नल दिया, फिर वापस लिया, ट्रेन लूपलाइन में गई और मालगाड़ी से टकरा गई

BHUBANESHWAR. ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में 288 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। करीब एक हजार लोग घायल हुए हैं। तीन ट्रेन की भीषण टक्कर को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इन सबके बीच हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें इस भीषण घटना के पीछे सिग्नल से संबंधित गलती सामने आई है।

संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन नंबर 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस को पहले अप मेन लाइन के लिए सिग्नल दिया गया और तुरंत ही इसे वापस भी ले लिया गया, लेकिन तब तक ट्रेन लूप लाइन में प्रवेश कर चुकी थी। इस लाइन पर पहले से ही मालगाड़ी खड़ी थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर पहले से खड़ी मालगाड़ी से जा भिड़ी। मालगाड़ी से टकराने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई।



इससे बड़ी गलती...ऐसा कुछ हुआ



रिपोर्ट के मुताबिक, बहानगा बाजार स्टेशन पर मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी। इसी बीच चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन पर पहुंची। हर स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है। बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं। किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो। बहानगा बाजार स्टेशन पर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा कराया गया था। कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी। उस समय डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी।



बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है। ऐसे में दोनों ही ट्रेन की रफ्तार तेज थी। बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतर गई। पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े। हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।



रेलवे की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, ट्रेन नंबर 12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतर गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए और तीन डिब्बे छिटककर डाउन लाइन पर चले गए।



कहां है बहानगा बाजार स्टेशन?



हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ।



तत्काल मौके पर भेजी गई रिलीफ वैन 



हादसे की जानकारी मिलते ही रेल महकमा एक्शन में आ गया। रेलवे के मुताबिक सूचना मिलते ही एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन के साथ ही एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन मौके की ओर रवाना करने के आदेश दिए गए। खड़गपुर, भद्रक, टाटानगर, संतरागाची, खुर्दारोड और बालासोर स्टेशन से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन और एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन को मौके की ओर रवाना किया गया। 



रेलवे की ओर से हादसे की शिकार हुई ट्रेन में सवार यात्रियों की संख्या को लेकर भी जानकारी दी गई है। रेलवे के मुताबिक, कोरोमंडल एक्सप्रेस में 1257 पैसेंजर ने टिकट बुक कराए थे। वहीं, यशवंतपुर एक्सप्रेस में 1039 यात्री रिजर्वेशन कराकर यात्रा कर रहे थे।



रेल हादसा साजिश भी हो सकती है- पूर्व रेल मंत्री



ओडिशा ट्रेन हादसे पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि इस घटना में साजिश हो सकती है। इस पूरी घटना की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घटना की टाइमिंग अजीब है। पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि हादसे की हाईलेवल जांच हो और इस मामले का एनालिसिस करना चाहिए। यह एक भयानक हादसा है। मैं जो दृश्य देख रहा हूं, ऐसा लग रहा है कि मानो भूकंप के बाद का मंजर हो। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि जापान की तरह एक भी मौत ना हो। नई टेक्नोलॉजी आ रही है, जिसे रेलवे सिस्टम में शामिल किया जा रहा है। 



उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 2010 में एक बड़ा रेल हादसा हो गया था। इस हादसे के बाद दस साल तक वहां ट्रेनें नहीं चलीं। घटना में गीतांजलि एक्सप्रेस पर एक मालगाड़ी चढ़ गई थी, जिसमें लगभग 150-180 लोगों की मौत हो गई थी। 2010 के एक जांच आयोग ने इस घटना को बड़ी त्रासदी के रूप में दर्ज किया था। 2010 के जांच आयोग ने कहा था कि घटना बड़ी त्रासदी है।



बालासोर हादसे में कई टीमें रेस्क्यू में जुटीं



ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन एक्सीडेंट में अब तक 280 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। आर्मी, एयरफोर्स समेत कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। ट्रेन के डिब्बों में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है। ट्रेन के डिब्बों में खाने-पीने की चीजें, पानी की बोतलें, चप्पल-जूते आदि बिखरे हुए हैं। बचाव अभियान में सेना भी शामिल हो गई है। मृतकों की संख्या का आंकड़ा बढ़ रहा है। बोगियां एक-दूसरे पर चढ़ गईं। टक्कर के बाद ट्रेन का इंजन बोगी पर चढ़ गया। घटना के बाद ट्रेन की बोगियों में खाने-पीने की चीजें बिखरी पड़ी हैं। ट्रेन के डिब्बों में पानी की बोतलें, खाने का सामान, चप्पल-जूते बिखरे पड़े हैं। कहा जा रहा है कि बोगियों में और भी लोगों के फंसे होने की आशंका है। 


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