46 साल बाद आज खोला जाएगा पुरी जगन्नाथ मंदिर का खजाना 'रत्न भंडार' , यहां है सांपों का डेरा, जानें खजाने में क्या-क्या

ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का खजाना रत्न भंडार आज रविवार को खोला जा रहा। इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है। यह खजाना आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था। 

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Vikram Jain
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Odisha Puri Jagannath Temple treasury opened after 46 years
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NEW DELHI. ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर का प्रतिष्ठित खजाना 'रत्न भंडार' आज रविवार को खोला जाएगा। राज्य सरकार आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की सूची बनाने के लिए इस खजाने को 46 साल बाद खोल रही है। इससे पहले यह 1978 में खोला गया था। 

46 साल बाद खोला जा रहा खजाना

राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि रत्न भंडार का आंतरिक कक्ष खोलने की प्रक्रिया रविवार से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि अब हम खजाने में मौजूद जेवरात और अन्य कीमती चीजों की सूची तैयार करने के लिए 'रत्न भंडार' को फिर से खोलने जा रहे हैं। हम आभूषणों की क्वालिटी की जांच करेंगे और कीमती सामानों का वजन करेंगे।

खजाना खोले जाने के लिए कमेटी का गठन

मंदिर का खजाना खोले जाने के लिए श्रीमंदिर ने एक कमेटी का गठन किया है। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए मंदिर परिचालन कमेटी के सदस्यों के साथ रिजर्व बैंक और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। रत्न भंडार की सभी चीजों का डिजिटल डॉक्यूमेंट बनाया जाएगा।

एक बजे से डेढ़ बजे के बीच खोला जाएगा खजाना

राज्य सरकार ने शनिवार शाम को मंदिर प्रशासन को इस प्रक्रिया के लिए जरूरी एसओपी प्रदान की। हाईकोर्ट के रिटायर जज बिस्वनाथ रथ खजाने की सूचीकरण और संरक्षण की निगरानी करने वाले पैनल की अध्यक्षता कर रहे हैं। उच्च स्तरीय समिति के चेयरमैन बिश्वनाथ रथ के मुताबिक रत्न भंडार शुभ समय में दोपहर एक बजे से डेढ़ बजे के बीच खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि किसी भी आपात स्थिति के लिए गर्भगृह के अंदर एक मेडिकल टीम तैनात रहेगी। स्नेक हेल्पलाइन टीम को भी तैयार रखा जाएगा और जरूरत पड़ने पर बुलाया जाएगा। 

जानें कौन- कौन होगी टीम में

उन्होंने कहा, रविवार को खजाने की गणना करने वाली टीम मंदिर के उत्तरी हिस्से में स्थित रत्न भंडार में प्रवेश करेगी। हम इसकी संरचनात्मक स्थिति का आंकलन करने का प्रयास करेंगे। यह एक बेहद संवेदनशील मामला है, इसलिए उच्च स्तरीय समिति के केवल दो सदस्य, मंदिर प्रशासन, प्रबंध समिति और एएसआई अधिकारियों की एक टीम और मंदिर के सेवक जो रत्न भंडार के प्रभारी हैं ही खजाने में प्रवेश करेंगे। इसके अलावा कलेक्टर और एडीएम भी साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष के ताले तोड़ने की जरूरत पड़ सकती है। मंदिर प्रबंधन समिति के प्रमुख अरविंद पाढी ने बताया कि इससे पहले रत्न भंडार 1905, 1926 और 1978 में खोला गया था और बेशकीमती चीजों की लिस्ट बनाई गई थी।

रत्न भंडार खोजने का मामला बना था चुनावी मुद्दा

प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार खोले जाने का मुद्दा ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जमकर उठा था। बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ा। बीजेपी ने वादा किया था कि ओडिशा में सरकार बनती है तो खजाना खोला जाएगा। इससे पहले 2011 में तिरुवनंतपुरम के पद्मनाभ स्वामी के मंदिर के खजाने को खोला गया था। तब 1.32 लाख करोड़ रुपए का खजाना मिला था।

रत्न भंडार में क्या क्या रखा हैं

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में दिए हलफनामे के अनुसार रत्न भंडार में तीन कक्ष हैं। 25 गुणा 40 वर्ग फुट के आंतरिक कक्ष में 50 किलो 600 ग्राम सोना और 134 किलो 50 ग्राम चांदी है। बाहरी कक्ष में 95 किलो 320 ग्राम सोना और 19 किलो 480 ग्राम चांदी है। इन्हें त्योहार पर निकाला जाता है। वर्तमान कक्ष में 3 किलो 480 ग्राम सोना और 30 किलो 350 ग्राम चांदी है। रोजाना होने वाले अनुष्ठानों के लिए इन्हीं का उपयोग होता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछली शताब्दी में जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 1905, 1926 और 1978 में खोला गया था इस दौरान वहां मौजूद बेशकीमती चीजों की लिस्ट बनाई गई। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इसके बाद एक बार 1985 में रत्न भंडार का भीतरी हिस्सा खुला, लेकिन लिस्ट अपडेट नहीं हुई।

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रत्न भंडार की चाबियां टीम को सौंपी जाएगी

राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि रत्न भंडार की उपलब्ध चाबियां रविवार को टीम को सौंप दी जाएंगी। हरिचंदन ने कहा, "उपलब्ध चाबियों से ताले खोलने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ताले तोड़े जाएंगे।" उन्होंने आगे कहा कि रत्न भंडार के कीमती सामानों की सूची विशेषज्ञों की टीमों और भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों की मौजूदगी में पारदर्शी तरीके से बनाई जाएगी।  

सांप पकड़ने वालों को बुलाया गया

बताया जाता है कि आंतरिक रत्न भंडार के पास सांप हो सकते हैं। यह भी मान्यता है कि सांपों का एक समूह भंडार में रखे रत्नों की रक्षा करता है। इसीलिए रत्न भंडार को खोले जाने से पहले मंदिर समिति ने भुवनेश्वर से सांप पकड़ने में निपुण दो व्यक्तियों को पुरी बुलाया है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति में जरूरत पड़ने पर वे तैयार रहें। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी मौजूद रहेगी।

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