NEW DELHI. आईआईटी बॉम्बे को एक गुमनाम दान मिलने का अजीब किस्सा सामने आया है। जिसमें एक पूर्व छात्र ने खुद को गुमनाम रखने की शर्त पर 18.6 मिलियन की रकम दान की है। इस दान पर आईआईटी के निदेशक सुभाशीष चौधरी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस दान से उनका संस्थान वैश्विक जलवायु संकट से निपटने में लाभ करेगा।
गुमनाम दान की मंदिरों से तुलना
आईआईटी के निदेशक ने इस दान की तुलना हुंडी में उदार रूप से दान डालने वाले मंदिरों से की है। उन्होंने कहा कि पहली बार उन्हें कोई गुमनाम दान मिला है। हालांकि, अमेरिका में ऐसा होता है, लेकिन भारत के किसी विश्वविद्यालय ऐसा डोनेशन नहीं मिला होगा जहां डोनर गुमनाम रहना चाहता है। उन्होंने कहा कि वह इस दान का प्रयोग सही उद्देश्य से किया जाएगा। निदेशक चौधरी ने इस पूर्व छात्र के बारे में कहा कि भारतीय शिक्षा जगत में यह एक दुर्लभ घटना है कि कोई परोपकारी व्यक्ति गुमनाम रहना चाहता है।
आईआईटी बॉम्बे दान का सही प्रयोग करेगी
ग्रीन एनर्जी एंड सस्टेनेबिलिटी रिसर्च हब की स्थापना के लिए इस दान का प्रयोग किया जाएगा। इसके साथ ही केंद्रित क्षेत्रों में जलवायु जोखिमों का मूल्यांकन किया जाएगा। जलवायु परिवर्तन पर भी ध्यान समेत इससे जुड़े समाधानों को भी महत्व दिया जाएगा। इस दान से
जैव ईंधन, साफ वायु विज्ञान, बाढ़ का पूर्वानुमान समेत कई समाधान और अनुसंधान की सुविधा दी जाएगी।