चौथी बार लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले ओम बिरला ( Om Birla ) खुद तो अपना चुनाव जीते ही बल्कि उन्होने जिस उम्मीदवार के लिए प्रचार किया वो भी जीता। यानी खुद तो अपनी जीत की हैट्रिक बनाने में सफल रहे बल्कि जहां उन्हें प्रचार के लिए भेजा गया, वहां भी वह भाजपा प्रत्याशियों को जिताने में कामयाब रहे। कोटा में 26 अप्रैल को वोटिंग होने के बाद बिरला को मुंबई उत्तर में पीयूष गोयल, ओडिशा के संबलपुर में धर्मेन्द्र प्रधान, बालासोर में प्रताप चंद्र सारंगी, बारगढ़ में प्रदीप पुरोहित, झारसुगढ़ा में टंकाधर त्रिपाठी के समर्थन में प्रचार के लिए भेजा गया। इन सभी सीटों को भी भाजपा अच्छे अंतर से जीती है।
1999 से अब तक जितने लोकसभा अध्यक्ष बने उनका रिकार्ड
जीएमसी बालयोगी
अक्टूबर 1999 में जब देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता जीएमसी बालयोगी को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। 3 मार्च, 2002 को एक हेलिकॉप्टर हादसे में उनका निधन हो गया।
मनोहर जोशी
जीएमसी बालयोगी के निधन के बाद अटल वाजपेयी की सरकार में शिवसेना नेता मनोहर जोशी को स्पीकर चुना गया। लेकिन जब 2004 में लोकसभा सभा के चुनाव हुए तो, जोशी मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से अपना चुनाव हार गए। इसके कारण भी वो संसद नहीं पहुंच पाए।
सोमनाथ चटर्जी
वर्ष 2004 में यूपीए की सरकार बनी। इसमें डॉ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने। इस बार सीपीएम के नेता सोमनाथ चटर्जी को लोकसभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। लोकसभा अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति को अलविदा कह दिया और 2009 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।
मीरा कुमार
2009 में मीरा कुमार को लोकसभा की स्पीकर बनीं लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वो संसद नहीं पहुंच सकीं।
सुमित्रा महाजन
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का पूर्ण बहुमत मिला। इंदौर लोकसभा सीट से लगातार 8 बार चुनाव जीतने वाली सुमित्रा महाजन को स्पीकर बनाया गया। लेकिन 2019 में वह चुनाव नहीं लड़ीं।
इंतजार इस बात का है कि कोटा से जीत की हैटट्रिक लगाने के बाद अगली गठबंधन सरकार ओम बिड़ला को क्या भूमिका मिलती है।