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NEW DELHI.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने समलैंगिक विवाह के मसले पर केंद्र सरकार के विचार से सहमति जताई है। आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने मंगलवार (14 मार्च) को कहा कि संघ समलैंगिक शादी करने के मामले में केंद्र के नजरिए से सहमत है। उन्होंने दावा किया कि विवाह केवल विपरीत लिंग के लोगों के बीच हो सकता है। एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, होसबोले ने राहुल गांधी के संघ को फासीवादी बताने के बयान पर कुछ भी कहना मुनासिव नहीं समझा और सिर्फ इतना ही कहा कि वे अपना राजनीतिक एजेंडा लेकर चलते हैं। सभी को आरएसएस की वास्तविकता का पता है। फिर भी विपक्ष का प्रमुख नेता होने के नाते, उन्हें जिम्मेदारी पूर्ण बयान देना चाहिए।
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं का सरकार ने किया था विरोध
बता दें कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उन याचिकाओं का विरोध किया है, जिनके जरिए समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग की गई है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के पास है, जिस पर 18 अप्रैल को सुनवाई होनी है। गे, लेस्बियन और ट्रांसजेंडर लोगों की ओर से अलग-अलग कुल 15 याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिन्हें शीर्ष अदालत ने अपने पास ट्रांसफर कर लिया है। जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर मामले पर उसका रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था।
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राहुल गांधी के फासीवादी वाले बयान पर दिया करार जबाव
आरएसएस महासचिव होसबोले ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी के उस बयान का जवाब दिया है, जिसमें कांग्रेस नेता की ओर से आरएसएस को फासीवादी करार दिया गया था। होसबोले ने कहा कि मुझे लगता है कि इस पर टिप्पणी करने की कोई वजह नहीं है। वे हर जगह अपना राजनीतिक एजेंडा लेकर चलते हैं। सभी को आरएसएस की वास्तविकता पता है। उन्होंने कहा कि फिर भी विपक्ष के एक प्रमुख नेता होने के नाते राहुल गांधी को जिम्मेदारी पूर्ण बयान देने चाहिए। यहां बता दें, राहुल गांधी ने हाल में लंदन में आरएसएस को एक रूढ़िवादी और फासीवादी संगठन करार दिया था। राहुल ने कहा था कि आरएसएस का देश के संस्थानों पर कब्जा है।
यह भी बोले होसबोले
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरएसएस महासचिव होसबोले ने यह भी कहा कि भारत की पहचान उन लोगों के लिए गर्व की बात रही है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। गर्व की इसी अनुभूति को आज के समय दुनिया के सामने पेश करना है। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत को न केवल आर्थिक और ढांचागत रूप से विकसित होना है, बल्कि खेल और संस्कृति जैसे कई अन्य क्षेत्रों में भी विकास करना है।