अब प्याज महंगा होने के आसार... दिनों - दिन बढ़ रहे दाम, केंद्र सरकार ने निर्यात पर लगाया 40% शुल्क

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The Sootr CG
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अब प्याज महंगा होने के आसार... दिनों - दिन बढ़ रहे दाम, केंद्र सरकार ने निर्यात पर लगाया 40% शुल्क

NEW DELHI. महंगाई दौर में हर वर्ग का जीना मुहाल हो रहा है। देश में टमाटर की बढ़ी कीमतों के बीच अब लोगों को थोड़ी-बहुत राहत मिलनी शुरू हुई तो अब प्याज ने सबको रुलाने की तैयारी कर ली है। एमपी, दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों में टमाटर की कीमत 40 से 50 रुपए किलो पर आ गई है, वहीं अब प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अच्छी क्वॉलिटी के प्याज के दाम 40 से 50 रुपए किलो पर पहुंच गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि अलगे महीने यानी सितंबर में प्याज के प्रति किलो दाम 60 से 100 रुपए के बीच हो जाएंगे।



वित्त मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन 



टमाटर की महंगाई से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने प्याज की मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने और घरेलू बाजार में आपूर्ति में सुधार बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क चुकाना होगा। 



सितंबर में प्याज की कीमतों में आएगा उछाल



कई रिपोर्ट में दावा किया है कि सितंबर 2023 में प्याज के दामों में जबरदस्त उछाल आने वाला है। प्याज की कीमत 60 रुपए से 100 रुपए तक पहुंच सकती हैं। इन दामों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार पहले ही अलर्ट हो गई है। बताया जा रहा है कि खराब मौसम, बाढ़ और बारिश के कारण काफी फसल बर्बाद हुई है, जिसके कारण प्याज के दामों में इजाफा होने की आशंका है।



नई फसल आने तक बफर स्टॉक उतारने की घोषणा



केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि नई फसल आने तक सरकार कुछ खास क्षेत्रों में अपने बफर स्टॉक से बाजार में प्याज उतारने की घोषणा कर चुकी है। अगर कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान कीमतों में काफी बढ़ोतरी होती है तो किसी भी आपात स्थिति में कीमतों को स्थिर रखने के लिए बफर स्टॉक को खोल दिया जाता है। दरअसल, खाने-पीने की बढ़ती कीमतों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसलिए वक्त रहते सरकार ठोस कदम उठा रही है।  



पहली बार उच्च निर्यात शुल्क 



इस साल केंद्र सरकार ने पहली बार उच्च निर्यात शुल्क लगाया है। इससे पहले 2020 में सितंबर से दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था और 2019 में केंद्र ने न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया था। 



प्याज के दाम बढ़ने की यह है वजह 



उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने शनिवार (19 अगस्त) को बताया कि घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया गया है। प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र और कर्नाटक में मानसून की देरी के कारण प्याज का औसत खुदरा मूल्य बढ़कर 30 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है, जो पिछले महीने 25 रुपए प्रति किलोग्राम था। एमपी के इंदौर समेत कई स्थानों पर प्याज लगातार महंगा हो रहा है। 



कई राज्यों की फसल प्रभावित

अप्रैल में बेमौसम बारिश के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में फसलों पर काफी असर पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक, प्याज का अनुमानित उत्पादन इस साल मामूली गिरावट के साथ 31 मिलियन टन हो गया है, जो पिछले साल 31.7 मिलियन टन था। हालांकि, यह गिरावट कम है, लेकिन कई राज्यों में आपूर्ति प्रभावित हो रही है। ऐसे में दाम बढ़ना तय है।



भारत के प्याज उत्पादन राज्य



            राज्य               प्याज उत्पादन प्रतिशत




  • महाराष्ट्र               43 प्रतिशत


  • मध्य प्रदेश           16 प्रतिशत

  • कर्नाटक              9 प्रतिशत

  • गुजरात                9 प्रतिशत



  • एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी : प्याज की कीमत में 50% का उछाल



    एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी कही जाने वाली महाराष्ट्र के लासलगांव में कीमत 19 अगस्त को 50 प्रतिशत बढ़कर 2,050 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है, जो 2 अगस्त को 1,030 रुपए प्रति क्विंटल थी, वहीं एमपी के इंदौर की चौइथराम मंडी में प्याज 2230 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। बाजार में प्याज के भाव 30 से 50 रुपए किलो के बीच हो गए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में और दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।


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