TDS Refund : कट गया ज्यादा TDS तो ऐसे करें घर बैठे रिफंड का दावा

व्यक्ति को जहां से आमदनी हो रही है वहीं पर टैक्स काट लेने के लिए सरकार TDS का इस्तेमाल करती है। अगर आपका टीडीएस ज्यादा कट गया है तो आप घर बैठे रिफंड के लिए दावा कर सकते हैं।

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Deeksha Nandini Mehra
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TDS Refund Claim : व्यक्ति की आमदनी से जो टैक्स काटा जाता है उसे टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स कहा जाता है। यह हर महीने एक तय अमाउंट में काटा जाता है लेकिन कभी-कभी टेक्निकल गड़बड़ी की वजह से ज्यादा काट जाता है। अगर आपका भी टीडीएस जरूरत से ज्यादा काट गया है तो घबराइए नहीं यहां बताए गए आसान तरीके से आप घर बैठे टीडीएस रिफंड के लिए दावा कर सकते है।

क्यों काटा जाता है TDS 

जहां से व्यक्ति की आमदनी हो रही होती है, वहीं पर टैक्स काट लेने के लिए सरकार टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) का इस्तेमाल करती है। यह आय के कई स्रोतों से जैसे सैलरी, फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिला इंट्रेस्ट या प्रोफेशनल फीस आदि से काटा जाता है। टीडीएस इसलिए काटा है ताकि जैसे ही आमदनी हो, वैसे ही टैक्स चुका दिया जाए। इसके लिए वित्त वर्ष के अंत तक इंतजार न करना पड़े।

ITR फाइल कर रिफंड का दावा 

अगर आपने जरूरत से ज्यादा टैक्स चुका दिया है तो आयकर रिटर्न (ITR) फाइल कर टीडीएस रिफंड का दावा कर सकते हैं। यदि आयकर विभाग टीडीएस रिफंड में देरी करता है तो उसे सालाना दर से टैक्सपेयर को ब्याज देना पड़ता है। आइटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

कब किया जाता है TDS वापस

जब करदाता का साल की शुरुआत में बताए गए अनुमानित निवेश से ज्यादा निवेश साल के अंत तक हो जाता है तो ऐसी स्थिति में टीडीएस वापस किया जाता है। यदि आयकर विभाग टीडीएस रिफंड में देरी करता है तो उसे आयकर अधिनियम की धारा 244ए के तहत 6 फीसदी सालाना की साधारण दर से आपको ब्याज देना पड़ेगा।

ऑनलाइन टीडीएस रिफंड का दावा 

टीडीएस रिफंड की अर्जी ऑनलाइन डालने के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। अगर आपने पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो पहले पोर्टल पर रजिस्टर कराएं। अपना लॉगिन आईडी और पासवर्ड डालकर पोर्टल पर लॉग इन करें। अपनी श्रेणी के हिसाब से आयकर रिटर्न फॉर्म चुनें और रिटर्न दाखिल करें। फॉर्म में जरूरी जानकारी भरें और उसे सबमिट कर दें। वहां से मिली पावती का ई-सत्यापन डिजिटल दस्तखत, नेट बैंकिंग खाते या आधार कार्ड से जुड़े फ़ोन नंबर पर आए OTP की मदद से करें।

 ऐसे वेरिफिकेशन करें

  • आयकर विभाग की आधिकारिक ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं।
  • अपना यूजर आईडी, पासवर्ड और कैप्चा कोड डालकर लॉग इन करें। उसके बाद ‘ई-फाइल’ टैब पर जाएं।
  • वहां नीचे की ओर मेन्यू खुलेगा, जिसमें से ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ और फिर ‘व्यू फाइल्ड रिटर्न्स’ चुनें।
  • व्यू फाइल्ड रिटर्न्स (View Filed Returns) में आपको अपने अभी तक दाखिल रिटर्न की सूची दिखेगी।
  • जिस असेसमेंट वर्ष की स्थिति आपको जांचनी है, उस वर्ष के आगे लिखे ‘सी डीटेल्स’ पर क्लिक करें।
  • अगर आपका रिटर्न प्रोसेस हो गया है और उस पर रिफंड बनता है तो आपको वहां ‘रिफंड स्टेटस’ लिंक दिखेगा। 
  • लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको रिटर्न दाखिल करने की तारीख, उसकी प्रोसेसिंग की तारीख और रिफंड जारी करने की तारीख समेत पूरी जानकारी दिखेगी।

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