Bangalore. कर्नाटक चुनाव में प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री की आशातीत दौड़ का पटाक्षेप जल्द हो सकता है। पूर्व सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को दिल्ली बुला लिया गया है। दोनों गुट के कुछ विधायकों भी दिल्ली आने कहा गया है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान अब पूरी तरह से लोकसभा चुनाव को देखते हुए फैसला लेगा। जिसमें 61 प्रतिशत कम्युनिटी से ताल्लुक रखने वाले सिद्धारमैया को ही तरजीह दी जा सकती है। वोक्कालिगा से आने वाले डीके शिवकुमार, लिंगायत कम्युनिटी के एमबी पाटिल समेत एक अन्य नेता को उपमुख्यमंत्री के पद से नवाजे जाने की चर्चा जोरों पर है।
डीके शिवकुमार भी हैं लाइन में
कांग्रेस संगठन से जुड़े कई नेता डीके शिवकुमार की संगठन में पकड़ को देखते हुए उन्हें ताज दिए जाने की लॉबिंग कर रहे हैं। इसमें सिद्धारमैया की ज्यादा उम्र का हवाला दिया जा रहा है। इससे पहले सिद्धारमैया सीएम और विपक्ष के नेता का पद भी संभाल चुके हैं। एक चर्चा यह भी है कि 3 साल बाद डीके शिवकुमार को सीएम बनाए जाने का आश्वासन देकर उपमुख्यमंत्री बना दिया जाए। हालांकि अब तक छत्तीसगढ़, राजस्थान और एक प्रकार से मध्यप्रदेश में यह फॉर्मूला सफल नहीं हो पाया।
- यह भी पढ़ें
प्रदेश अध्यक्ष का पद डीके को ही
कर्नाटक की सियासत में कांग्रेस आलाकमान इस विकल्प पर भी विचार कर रहा है कि लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद पर डीके शिवकुमार को ही कंटीन्यू रखा जाए। जिस तरह से विधानसभा चुनाव में डीके ने चुनाव को संचालित किया उसे देखते हुए पार्टी लोकसभा चुनाव में भी उनसे उम्मीदें बांधे हुए है।
दो डिप्टी सीएम पर डीके की असहमति
कांग्रेस सूत्र बता रहे हैं कि डीके शिवकुमार दो उपमुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर असहमत नजर आ रहे हैं। उनकी ओर से तर्क यह दिया जा रहा है कि अन्य राज्यों में यह फॉर्मूला कारगर साबित नहीं हुआ। कांग्रेस के खेमे में अपने इन दो महारथियों को खुश रखने का प्रयास पूरी शिद्दत से किया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि बाजी कौन जीतता है। माना जा रहा है कि आने वाले एक-दो दिनों में स्थिति काफी कुछ क्लियर हो जाएगी।