New Delhi. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। कांग्रेस के सूत्रों के जरिए यह खबर मिली है कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने और सदन में पक्षपात के आरोप लगाकर स्पीकर के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। हालांकि यह तय है कि विपक्ष के कम संख्या बल के चलते यह अविश्वास प्रस्ताव टिकेगा नहीं।
बता दें कि गुजरात के सूरत की अदालत ने साल 2019 के मानहानि के मामले मे दोषी ठहराते हुए राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके ठीक अगले ही दिन राहुल गांधी को लोकसभा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस फैसले के बाद 4 मर्तबा सांसद रह चुके राहुल गांधी 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, जब तक की ऊपरी अदालत सजा पर रोक नहीं लगा देता। इस मामले को लेकर कांग्रेस और अनेक विपक्षी दल लगातार संसद और संसद के बाहर प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं।
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बीजेपी की सफाई-नियमानुसार कार्रवाई
कांग्रेस की ओर से लगातार यह कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई इतनी जल्दी इसलिए हो गई क्योंकि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर संसद में उनके अगले भाषण से डर गई थी। उधर बीजेपी कह रही है कि लोकसभा सचिवालय की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने पर फैसला नियमानुसार किया गया है फैसले पर सवाल उठाना संविधान को निशाना बनाने जैसा है।
जेपीसी की मांग कर रहा था विपक्ष
विपक्षी दल बजट सत्र की शुरुआत से ही अडाणी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग करे रहे हैं। बीते दिनों कांग्रेस समेत देश के 18 विपक्षी दलों ने बैठक कर फैसला लिया था कि सभी दल लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे भी मिलकर काम करते रहेंगे और अडाणी मामले में जेपीसी की मांग जारी रखेंगे।