New Delhi. भारत में एक ओर चंद्रयान-3 की सफलता की खुशियां मनाई जा रही हैं। चंद्रमा पर जहां विक्रम लैंडर उतरा है उस पाइंट का नाम ‘शिवशक्ति पॉइंट’ रखा गया है। यह नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त को किया है। अब इस नामकरण पर सियासत तेज हो गई है। वहीं बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग होने लगी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने भड़कते हुए कहा कि ‘शिवशक्ति’ नाम रखने से पूरी दुनिया हम पर हंसेगी। हमने चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की, यह बहुत अच्छा है। हमें इस पर गर्व है, इस पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन हम चंद्रमा के मालिक नहीं है। इस दौरान जब अल्वी से जवाहर पॉइंट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आप जवाहरलाल नेहरू की किसी से तुलना नहीं कर सकते। पंडित नेहरू ने ही इसरो की स्थापना की थी, लेकिन अब मोदीजी इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं।
चंद्रयान-1 : क्रैश लैंडिंग वाले स्थान का नाम है ‘जवाहर पॉइंट’
बता दें, चांद पर एक पॉइंट का नाम जवाहर पॉइंट भी है। वर्ष 2008 में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में चंद्रयान-1 को चंद्रमा पर भेजा गया था, लेकिन उस समय चंद्रयान-1 की चंद्रमा पर क्रैश लैंडिंग हुई थी। क्रैश लैंडिंग पॉइंट को जवाहर पॉइंट का नाम दिया था।
बीजेपी का पलटवार : नेहरू परिवार का महिमंडन करने को रखा गया ‘जवाहर पॉइंट’ का नाम
तमिलनाडु बीजेपी के सचिव एमसजी सूर्या ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि चंद्रयान-1 के दौरान ‘जवाहर पॉइंट’ का नाम नेहरू परिवार का महिमंडन करने के लिए रखा गया, जबकि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद ‘शिवशक्ति पॉइंट’ का नाम भारतीय सभ्यता के महिमामंडन के लिए रखा गया। आप अपनी जिंदगी में कभी भी बीजेपी को वोट कर निराश नहीं होगे। यह देश की अब तक की सबसे अधिक राष्ट्रवादी सरकार है।
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा बोले- इसरो अब बीजेपी का प्रचार टूल
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए इसरो अब बीजेपी का प्रचार टूल है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हर मिशन का इस्तेमाल राष्ट्रवादी उन्माद को भड़काने के लिए किया जाएगा। भक्तों और ट्रोल की आर्मी चौबीसों घंटे काम कर दशकों के भारतीय वैज्ञानिक अनुसंधान को ‘मोदी है तो मुमकिन है’ जादू के तौर पर पेश करने में जुट गई है। भारत जागो, मैं एंटी नेशनल नहीं हूं।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- इसरो के वैज्ञानिकों के नाम पर होना था नामकरण
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी लैंडिंग पॉइंट का नामकरण ‘शिवशक्ति’ के तौर पर करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मैं इस तरह के दकियानूसी विचार से सहमत नहीं हूं। अगर उन्हें वाकई नामकरण करना ही था तो इसरो के वैज्ञानिकों के नाम पर इसका नाम रखना चाहिए था। चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर या इसरो अध्यक्ष के नाम पर रखना चाहिए था। हर जगह इस तरह का ड्रामा या नौटंकी कर धार्मिक बात करना वैज्ञानिकों का अपमान है।
सपा सांसद शफीक उर रहमान बोले- हर चीजों को सांप्रदायिक क्यों कर रहे
समाजवादी पार्टी के सांसद शफीक उर रहमान ने कहा कि आप हर चीजों को सांप्रदायिक क्यों कर रहे हैं? ईमानदारी से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम देश के वैज्ञानिक भी थे और राष्ट्रपति भी थे। फिर उनका नाम क्यों नहीं रखा गया? चंद्रयान की बुनियाद उन्हीं ने रखी थी। इसे हिंदू मुस्लिम रंग नहीं देना चाहिए।
विपक्ष पर भड़की बीजेपी, गांधी-नेहरू परिवार पर साधा निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी के इस बयान पर बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘शिवशक्ति पॉइंट’ और ‘तिरंगा पॉइंट’ दोनों नाम देश से जुड़े हुए हैं। राशिद अल्वी को इसमें हास्यास्पद क्या लगता है? कांग्रेस का सिद्धांत है कि परिवार पहले। यूपीए चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 को कभी चांद पर नहीं भेजती। अगर वे भेजते तो इन पॉइंट के नाम इंदिरा पॉइंट या राजीव पॉइंट होते।
क्या है 'जवाहर पॉइंट'?
चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था। यह 8 नवंबर को चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया। स्टेप वाइज 12 नवंबर को चांद से करीब 100 किलोमीटर दूर पहुंच गया, लेकिन 14 नवंबर 2008 को चंद्रयान-1 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास क्रैश लैंडिंग किया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। क्रैश लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव में मौजूद क्रेटर के पास रही, क्योंकि उस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती थी, इसलिए उस इम्पैक्टर साइट का नाम 'जवाहर पॉइंट' रख दिया गया।