वेंकैया नायडू सहित 5 को पद्म विभूषण, मिथुन और राम नाईक को पद्म भूषण,110 को पद्मश्री

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Pooja Kumari
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वेंकैया नायडू सहित 5 को पद्म विभूषण, मिथुन और राम नाईक को पद्म भूषण,110 को पद्मश्री

BHOPAL. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, यानी 25 जनवरी को पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया। बता दें कि इस साल दो युगल समेत 132 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इनमें 5 को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 110 को पद्मश्री से नवाजा जाएगा। पुरस्कार पाने वाले लिस्ट में 30 महिलाएं शामिल हैं, सूची में 8 विदेशी, एनआरआई, ओसीआई श्रेणी के व्यक्ति शामिल हैं। वहीं 9 पुरस्कार मरणोपरांत भी दिए जाने का ऐलान किया गया है। यूपी के बाबूराम यादव को भी पद्मश्री पुरस्कार मिलेगा। बाबूराम कला (क्राफ्ट) के क्षेत्र में 6 दशक का अनुभव रखते हैं।

यूपी की 12 विभूतियां 'पद्म श्री' सम्मान लिस्ट में शामिल

प्रतिष्ठित 'पद्म पुरस्कार' के अंतर्गत 'पद्म श्री' सम्मान हेतु यूपी की 12 विभूतियों की घोषणा हुईं। इन विभूतियों ने कला, साहित्य, विज्ञान, स्वास्थ्य व खेल क्षेत्रों में अपने असाधारण और उत्कृष्ट योगदानों से विश्व में भारत को गौरवभूषित किया है।

कौन-कौन हैं शामिल

1 खलील अहमद - कला

2 नसरीन बानो - कला

3 राम चेत चौधरी - साइंस एंड इंजीनियरिंग

4 डॉ.आरके धीमान - मेडिकल

5 राजाराम जैन - साहित्य

6 गौरव खन्ना - खेल

7 सुरेंद्र मोहन मिश्रा - कला

8 राधेश्याम पारीक - मेडिकल

9 नवजीवन रस्तोगी - लिटरेचर

10 गोदावरी सिंह - कला

11 उर्मिला श्रीवास्तव - कला

12 बाबूराम यादव - कला



बाबू राम यादव "पद्मश्री"

यूपी के बाबू लाल यादव को पद्म श्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। बाबू राम यादव को पीतल के बर्तनों पर नाजुक और बढ़िया डिजाइन उकेरने में महारत हासिल है। पीतल कारीगरी में बाबू राम का योगदान 6 दशक पर शामिल है। ब्रास के बाबू के नाम से प्रसिद्ध बाबू लाल यादव पिछले छह दशकों से विश्व स्तर पर पीतल मरोरी शिल्पकला को दर्शा रहे हैं। बता दें कि 74 वर्षीय बाबू लाल यादव 1962 से पीतल हस्तशिल्प का कार्य कर रहे हैं। इससे पहले उन्हें 1985 में राज्य पुरस्कार,1992 में राष्ट्रीय पुरस्कार और 2014 में शिल्प गुरु सम्मान मिल चुका है। बाबू राम यादव शिल्पकारों को पीतल के बर्तन पर कलाकारी की ट्रेनिंग देकर कला को जीवित रखे हुए हैं।

उत्तराखंड के इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच को पद्मश्री

उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने 33 सालों तक शिक्षक के रूप में सेवाएं दी हैं। कठोच को ये पुरस्कार उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्य के लिए दिया जाएगा।

DGP प्रशांत कुमार को गैलेंट्री अवॉर्ड

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिए जाने वाले वीरता पुरस्कारों की घोषणा हो गई है। इसमें यूपी और उत्तराखंड के पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार और आईपीएस मंजिल सैनी को गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।

"पद्मविभूषण" पाने वाली हस्तियां

पद्मविभूषण पाने वाली हस्तियों में पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, हिंदी फिल्मों की मशहूर अदाकार वैजयंती माला, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक (मरणोपरांत) स्वर्गीय बिंदेश्वर पाठक और साउथ के अभिनेता चिरंजीवी, भारतीय शास्त्रीय भरतनाट्यम नर्तकी पद्मा सुब्रमण्यम शामिल हैं।

ये हस्तियां "पद्म भूषण" से सम्मानित

उच्च कोटि की सेवा के लिए दिए जाने वाले पद्म भूषण पुरस्कारों के लिए 17 लोगों के नामों की घोषणा की गई। इनमें मशहूर फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे राम नाईक नाम भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश जस्टिस फातिमा बीवी (मरणोपरांत), सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट अश्विन बालचंद मेहता, उद्योगपति सीताराम जिंदल, ‘बॉम्बे समाचार’ के मालिक होर्मुसजी एन. कामा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यव्रत मुखर्जी (मरणोपरांत), कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले दत्तात्रेय अंबादास मयालू, लामा तोगदान रिनपोछे (मरणोपरांत),मेडिसिन के क्षेत्र में काम करने वाले तेजस मधुसूदन पटेल और चंद्रेश्वर प्रसाद ठाकुर, पॉप म्यूजिक का जाना माना नाम उषा उत्थुप, संगीतकार प्यारेलाल शर्मा,अभिनेता विजयकांत (मरणोपरांत), पूर्व राज्यसभा सांसद ओलानचेरी राजगोपाल, साहित्य-शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले कुंदन व्यास, ताइवान से फॉक्सकॉन कंपनी के चेयरमैन यंग लिउ को पद्म भूषण से सम्मानित होंगे। इससे पहले 23 जनवरी को सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कूर्परी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया था।

"पद्मश्री" से ये हस्तियां होंगी सम्मानित

पद्म पुरस्कार पाने वालों में 34 गुमनाम नायक हैं, जिनमें भारत की पहली महिला हाथी महावत पार्वती बरुआ, मिजोरम का सबसे बड़ा अनाथालय चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा और प्लास्टिक सर्जन प्रेमा धनराज, आदिवासी पर्यावरणविद चामी मुर्मू, किरण नादर, हॉकी खिलाड़ी हरबिंदर सिंह, टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना, पेशेवर स्क्वैश खिलाड़ी जोशना चिनप्पा, पापुआ न्यू गिनी की संसद के लिए चुने गए भारतीय मूल के पहले व्यक्ति ससींद्रन मुथुवेल और बैंकर कल्पना मोरपारिया उन 110 हस्तियों में शामिल हैं जिनको पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। बांग्लादेश की रवीन्द्र संगीत प्रतिपादक रेजवाना चौधरी बान्या, गायक सुरेंद्र मोहन मिश्रा, सौ साल की फ्रांसीसी योग शिक्षिका चार्लोट चोपिन को पद्मश्री दिया गया है।

क्यों दिया जाता है ये पुरस्कार?

ये पुरस्कार कला, साहित्य, शिक्षा, खेल-कूद, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग समेत अलग-अलग क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि या सेवाओं के लिए दिए जाते हैं।

तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं ये पुरस्कार

  • पद्म विभूषण - असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए।
  • पद्म भूषण - उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए।
  • पद्म श्री - विशिष्ट सेवा के लिए।

एमपी के 4 हस्तियों को मिलेगा ये सम्मान

बता दें कि एमपी की 4 हस्तियों को साल 2024 के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा। कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पंडित ओमप्रकाश शर्मा और कालूराम बामनिया, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में भगवती लाल राजपुरोहित जबकि खेल के लिए सतेंद्र सिंह लोहिया को ये सम्मान दिया जाएगा। उज्जैन के रहने वाले पंडित ओमप्रकाश शर्मा को भारत में माच लोक रंगमंच का चेहरा माना जाता है। उन्होंने मालवी लोक कला माच के लिए कई नाटक लिखे। इसकी थिएटर प्रस्तुतियों के लिए संगीत भी तैयार किया।

कौन हैं भगवती लाल राजपुरोहित?

जानकारी के मुताबिक धार के भगवती लाल राजपुरोहित ने कई किताबें लिखी हैं। इनमें प्रमुख रूप से ‘भारतीय कला और संस्कृति’, ‘भारतीय अभिलेख और इतिहास’, ‘राजा भोज’, ‘भारत के प्राचीन राजवंश’ ‘राजा भोज का रचनाविश्व’, ‘उज्जयिनी और महाकाल’ प्रमुख हैं। उन्होंने मालवी भाषा में 'सेज को सरोज' उपन्यास भी लिखा है। कालीदास के मेघदूत का मालवी भाषा में हलकारो बादल नाम से रूपांतरण किया है।

सतेंद्र सिंह लोहिया के नाम कई खिताब दर्ज

भिंड के रहने वाले पैरा स्वीमर सतेंद्र सिंह लोहिया के नाम कई खिताब दर्ज हैं। आयरलैंड के नॉर्थ चैनल को पार करने वाले वे एशिया के पहले पैरा स्वीमर हैं। सतेंद्र ने 36 किमी के नॉर्थ चैनल को 14.39 घंटे में पारकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले सतेंद्र इंग्लिश और कैटलीना चैनल को पारकर विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं।







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