जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह TRF ने ली है। हमले के बाद से देश के लोगों में आक्रोश है और भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में भारी तनाव देखा जा रहा है।
दो महीने का राशन स्टॉक करने का निर्देश
हमले के बाद से पाकिस्तान में इमरजेंसी जैसा माहौल बन रहा है। 2 मई को PoK के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर उल हक ने स्थानीय विधानसभा में घोषणा की कि नियंत्रण रेखा (LoC) के पास स्थित 13 निर्वाचन क्षेत्रों में दो महीने के लिए राशन और आवश्यक वस्तुओं का भंडारण किया जाए।
क्या लिए फैसले
- 13 निर्वाचन क्षेत्रों में आपूर्ति का आदेश
- सड़क मरम्मत के लिए मशीनरी तैनात
- 10 दिनों के लिए 1000 से अधिक मदरसे बंद
आपातकालीन कोष और बुनियादी सुविधाएं
PoK सरकार ने ₹1 अरब (लगभग $3.5 मिलियन) का कोष बनाया है, जिससे खाद्य, दवाइयां और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। नियंत्रण रेखा के नजदीक की सड़कों की मरम्मत के लिए सरकारी व निजी मशीनरी तैनात की गई है।
भारत की जवाबी कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को ‘पूर्ण स्वतंत्रता’ दी है। भारत ने कड़े कूटनीतिक कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया है। अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट बंद किया गया और पाक नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द किए जा रहे हैं। इसके अलावा भारतीय उड़ानों के लिए पाकिस्तानी एयरस्पेस पर प्रतिबंध की आशंका है।
पहलगाम हमला
पहलगाम में आतंकी हमला ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस हमले में आतंकवादियों ने धार्मिक पहचान पूछकर निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाईं, जिससे 26 लोग मारे गए। इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की गई और भारतीय सरकार ने आतंकियों के खिलाफ कड़ा जवाब देने की बात की। सुरक्षा एजेंसियां हमलावरों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सक्रिय हो गई हैं।
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