NEW DELHI. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संसद में पहला अभिभाषण था। करीब एक घंटे के अभिभाषण में उन्होंने कहा कि सरकार बिना डरे फैसले ले रही है। आजादी के अमृतकाल में देश पंच प्राणों की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है। गुलामी के हर निशान, हर मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए भी मेरी सरकार लगातार प्रयासरत है। जो कभी राजपथ था, वह अब कर्तव्यपथ बन चुका है। आज कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा हर भारतीय को गौरवान्वित कर रही है। भारतीय सेना के परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान निकोबार के 21 द्वीपों के नामकरण भी किया गया है। हमारी सेना में आज INS विक्रांत के रूप में पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर भी शामिल हुआ है।
राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन की खास बातें
- जनधन-आधार-मोबाइल से फर्जी लाभार्थियों को हटाने से लेकर वन नेशन वन राशन कार्ड तक, एक बहुत बड़ा स्थाई सुधार हमने किया है। बीते वर्षों में डीबीटी के रूप में, डिजिटल इंडिया के रूप में, एक स्थाई और पारदर्शी व्यवस्था देश ने तैयार की है। आयुष्मान भारत योजना ने देश के करोड़ों गरीबों को और गरीब होने से बचाया है, उनके 80 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचाए हैं।
मोदी बोले- संसद में चर्चा करके अमृत निकालेंगे
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि 2023 में बजट सत्र का प्रारंभ हो रहा है। प्रारंभ में ही अर्थजगत की आवाज को मान्यता होती है, वैसी आवाज चारों तरफ से सकारात्मक संदेश लेकर आ रही है। आशा की किरण लेकर आ रही है। उमंग की आवाज लेकर आ रही है। भारत के वर्तमान राष्ट्रपतिजी पहली बार देश के सदन को संबोधित करेंगी। राष्ट्रपतिजी का भाषण भारत के संविधान का गौरव है। संसदीय प्रणाली का गौरव है। विशेष रूप से आज नारी सम्मान का अवसर है। दूर सुदूर जंगलों में जीवन यापन करने वाले देश के महान आदिवासियों के सम्मान का अवसर है। न सिर्फ संसद के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का पल है। सभी सांसदों की तरफ से उमंग और ऊर्जा से भरा हुआ पल हो, यह मेरा विश्वास है। देश की वित्त मंत्री भी महिला हैं, वे बजट लेकर देश के सामने आ रही हैं। आज के वैश्विक परिस्थिति में भारत के बजट की तरफ न सिर्फ भारत का लेकिन पूरे विश्व का ध्यान है।
डांवाडोल विश्व की आर्थिक परिस्थिति में भारत का बजट, भारत के समान मानवीय की आकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश करेगा, बल्कि विश्व जो आशा की किरण देख रहा है। मुझे पूरे भरोसा है, निर्मला जी इन अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगी। एनडीए सरकार का एक की मकसद रहा है, लक्ष्य रहा है, हमारे केंद्र बिंदू में सिर्फ सबसे पहले देश और सबसे पहले देशवासी वाला भाव रहा है। इस बजट सत्र में तकरार भी रहेगी, लेकिन तकरीर भी होनी चाहिए, विपक्ष के सभी साथी तैयारी के साथ बारीकी से अध्ययन करके अपनी बात रखेंगे। सदन बहुत अधिक अच्छे तरीके से चर्चा करके अमृत निकालेंगे।
1 फरवरी को अंतिम पूर्ण बजट पेश होगा
1 फरवरी को मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश करेगी। आम बजट से ठीक एक दिन पहले पेश होने वाले आर्थिक सर्वेक्षण पर है। आर्थिक सर्वेक्षण से देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति का पता चलता है। विशेषज्ञ इसी के आधार पर आम बजट के प्रावधानों के संदर्भ में अंदाजा लगाते हैं। सत्र के पहले हिस्से में 13 फरवरी तक संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण और आम बजट पर चर्चा होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री अभिभाषण पर होने वाली चर्चा का जवाब देंगे। पहले हिस्से में संसद के दोनों सदनों में कोई विधेयक पेश या पारित नहीं किया जाएगा। विधायी कार्य 13 मार्च से 6 अप्रैल तक चलने वाले सत्र के दूसरे हिस्से में निपटाए जाएंगे। सत्र के दूसरे हिस्से में ही निर्मला सीतारमण बजट पर होने वाली चर्चा का जवाब देंगी।
संसद के बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार
सरकार की प्राथमिकता राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वित्त बिल समेत अन्य बिलों को पारित कराने की रहेगी तो विपक्ष कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगा। 13 फरवरी तक चलने वाले बजट सत्र के पहले हिस्से में दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण और आम बजट पर चर्चा होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिभाषण पर होने वाली चर्चा का जवाब देंगे। सरकार की बजटीय अभ्यास से जुड़े चार बिलों समेत करीब 36 बिल पेश करने की योजना है। 6 अप्रैल तक चलने वाले बजट सत्र के दौरान 27 बैठकें होंगी।
आम बजट पर सबकी निगाहें
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट पर देश भर की निगाहें टिकी हैं। इसी साल 10 राज्यों में विधानसभा और अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में लोगों को बजट से राहत मिलने की उम्मीद है। हमेशा की तरह मध्य वर्ग टैक्स में राहत की बाट जोह रहा है। जबकि अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न क्षेत्र भी बजट के जरिए राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो आम बजट के जरिए सरकार चुनावी राज्यों के लिए कई अहम घोषणाएं कर सकती हैं।
30 जनवरी को हुई थी सर्वदलीय बैठक
सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार ने 30 जनवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्य नहीं आए। बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का सवाल उठाया। वहीं, भारत राष्ट्र समिति ने तेलंगाना के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण की बहिष्कार का ऐलान किया।