मोरबी के पुल को कुछ लोग जानबूझकर हिला रहे थे और ब्रिज टूट गया, कोई तैरकर निकला तो कोई रस्सी से लटका

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Shivasheesh Tiwari
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मोरबी के पुल को कुछ लोग जानबूझकर हिला रहे थे और ब्रिज टूट गया, कोई तैरकर निकला तो कोई रस्सी से लटका

AHMEDABAD. गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में मरने वालों की संख्या 134 पहुंच गई है। इनमें 25 बच्चे हैं। वहीं, 70 लोग इसमें घायल हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बचे हुए लोगों को नदी से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अभी तक 177 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा ये पुल केबल सस्पेंशन ब्रिज था। 143 साल पुराना पुल ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था। पुल पिछले 6 महीने से बंद था। 25 अक्टूबर को यह ब्रिज आम लोगों के लिए दोबारा खोला गया। यहां भीड़ क्षमता से ज्यादा हो गई। हादसे की भी यही वजह बताई जा रही है।





आठ महीने की गर्भवती तड़प कर मर गई





मच्छु नदी के किनारे चाय बेचने वाले ने बताया कि "मैंने जो कुछ देखा वह दिल दहला देने वाला था, अपनी जिंदगी में इससे बुरा कभी नहीं देखा। मेरे सामने आठ महीने की गर्भवती महिला तड़प-तड़प कर मर गई। लोग केबल से लटके हुए थे और नदी में गिरते जा रहे थे और मैं कुछ नहीं कर पा रहा था। "





गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना केबिल ब्रिज भीड़ से खचाखच भरा था। आलम यह था कि 100 लोगों की क्षमता वाले इस पुल पर 300-400 लोग थे। कुछ लोग सेल्फियां लेने में व्यस्त थे, तो कुछ युवा इस झूलते ब्रिज को जानबूझकर हिला रहे थे। तभी अचानक पुल टूट गया। देखते ही देखते 300-400 लोग नदी में गिर गए। कुछ लोगों ने ब्रिज के बाकी हिस्से तो कुछ लोगों ने रस्सियों पर लटकने की कोशिश की। इनमें से कुछ अपनी जान बचाने में सफल भी हुए। जबकि सैकड़ों लोग नदी में समा गए। कई बच्चों ने मोरबी ब्रिज हादसे में अपने मां बाप को खो दिया। इस हादसे में बचे 10 साल के एक बच्चे ने बताया कि ब्रिज पर काफी भीड़ थी। तभी ब्रिज गिर गया। मैं रस्सी पर लटक गया और धीरे धीरे पुल पर ऊपर आया। लेकिन मेरे माता-पिता अभी भी लापता हैं।





पुल की क्षमता 100 लोगों की 





मिली जानकारी के मुताबिक, इस पुल की क्षमता करीब 100 लोगों की ही है। वहीं, इस पुल पर आने के लिए करीब 15 रुपये की फीस भी लगती है। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिवाली के बाद वाले वीकेंड पर कमाई के लालच में इस पुल को बिना फिटनेस जांच के ही खोल दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि घटना के वक्त करीब 400 से 500 लोग पुल पर थे। ऐसे में भारी भीड़ का बोझ पुल सह नहीं पाया और टूट गया। 





बीजेपी सांसद के परिवार के 12 लोगों की मौत





मोरबी पुल हादसे के मृतकों में राजकोट से बीजेपी सांसद मोहन भाई कुंदरिया के परिवारीजन भी शामिल हैं। उनके परिवार के 12 सदस्यों ने दर्दनाक हादसे में अपनी जान गंवा दी। उन्होंने बताया कि हादसे में मेरी बहन के परिवार के 12 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा, हमने मेरी बहन के जेठ की चार बेटियों, तीन दामादों और पांच बच्चों को खो दिया है। उन्होंने कहा, यह हादसा काफी दुखद है जो भी इस हादसे का दोषी होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। 





मेंटिनेंस कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज





मोरबी पुल हादसा मामले में केबल ब्रिज का मेंटिनेंस करने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। कंपनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 308 और 114 के तहत केस दर्ज किया गया है। 





नेपाल के प्रधानमंत्री ने जताया दुख





मोरबी हादसे पर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने भी शोक जाहिर किया। उन्होंने कहा कि मोरबी में हुए हादसे पर मैं दुख व्यक्त करता हूं। इस हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।





पोलिश विदेश मंत्री ने शोक व्यक्त किया





पोलैंड के विदेश मंत्री, जबिग्न्यू राऊ ने गुजरात में मोरबी पुल ढहने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि गुजरात का पोलिश-भारतीय संबंधों में एक विशेष स्थान है। पोलिश विदेश मंत्री ने ट्विटर पर कहा कि गुजरात के मोरबी में हुई त्रासदी के लिए भारत के राष्ट्र के प्रति मेरी गहरी और गंभीर संवेदना है। इस शहर का पोलिश-भारतीय संबंधों में एक विशेष स्थान है। साथ ही मंत्री ने भारत और पोलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों की सराहना की।



 



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