New Delhi. जम्मू और कश्मीर के नागरिक इन दिनों कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के बड़े शहरों में जबर्दस्त निवेश कर रहे हैं। निवेश की रकम भी छोटी-मोटी नहीं बल्कि अरबों रुपए की है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर के लोग पाकिस्तान के इस्लामाबाद, कराची और लाहौर में जमकर निवेश कर रहे हैं। जिसके बाद भारतीय एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। आर्थिक रूप से तंगहाली झेल रहे पाकिस्तान की मीडिया में भी इस खबर की चर्चा है।
क्या कह रहा पाक मीडिया
पाकिस्तान के अखबार सियासत डेली ने भी अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में इस समय काफी सारे घोटाले हो रहे हैं जिसके चलते निवेशक अपना पैसा गवां रहे हैं। पाकिस्तान में माफिया भी काफी ताकतवर स्थिति में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते कुछ माह में संगठित समूहों ने दर्जनों कश्मीरियों की हत्या की लेकिन न तो पाकिस्तान के हुक्मरान और न ही नौकरशाह इस बात पर ध्यान दे रहे हैं। अपराध पर लगाम लगाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। पाक के आर्थिक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि कम प्रोडक्शन, गिरती आर्थिक ग्रोथ और कमजोर पब्लिक हेल्थ सेवाओं के चलते पाकिस्तानी नागरिकों को लंबे समय तक इस तरह की समस्या को झेलना पड़ेगा।
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गले तक कर्ज में डूबा पाक
सभी यह जानते हैं कि पाकिस्तान की आर्थिक और वित्तीय स्थिति खस्ताहाल है। कंगाली के दौर में खड़े पाक की महंगाई दर पिछले महीने उछलकर 35 प्रतिशत पर आ चुकी थी। जनता को दी जा रही ज्यादातर सब्सिडी वापस ली जा रही है और पाकिस्तानी रुपया लगातार गिरने के कारण मुसीबत का सबब बना हुआ है। आईएमएफ के 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को सुरक्षित रखने पाक सरकार ये सारे हथकंडे अपना रही है।
महंगाई सातवें आसमान पर
पाकिस्तान में खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर 47 फीसदी तक जा पहुंची है और यहां तक कि पाकिस्तान के रईस भी अपना लाइफ स्टाइल बदल रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी लगातार बढ़ती कीमतों के मोर्चे पर लड़ाई लड़नी है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस चालू वित्त वर्ष के दौरान उसकी आर्थिक विकास दर (जीडीपी) 2 फीसदी की दर से विकास हासिल करेगी। हालांकि हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान कि विकास दर की उम्मीद को 2 फीसदी से घटाकर 0.4 फीसदी कर दिया था।