CHENNAI. मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के न्यायालयों में भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि तमिलनाडु और पुडुचेरी की अदालतों में केवल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और तमिल कवि-संत तिरुवल्लुवर की फोटो लगाई जा सकती हैं। मद्रास हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार-जनरल ने बीती 7 जुलाई को इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया था।
सभी अदालतों को जारी किया गया सर्कुलर
मद्रास हाईकोर्ट ने कांचीपुरम के प्रधान जिला न्यायाधीश समेत सभी जिला अदालतों को सर्कुलर जारी करते हुए निर्देश दिया कि वे अलंदुर में बार एसोसिएशन को अदालत परिसर के प्रवेश कक्ष से भीमराव अंबेडकर की फोटो को हटाने का आदेश दें। दरअसल, कई अधिवक्ता संघों ने मद्रास हाईकोर्ट से अदालत परिसर में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के फोटो का अनावरण करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन 11 अप्रैल को हाईकोर्ट की हुई एक बैठक में जजों की फुल बेंच ने अधिवक्ताओं के ऐसे सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया था।
हाईकोर्ट के सर्कुलर में क्या कहा गया ?
मद्रास हाईकोर्ट ने अपने जारी सर्कुलर में पुराने आदेशों का जिक्र करते हुए बताया कि पहले भी अदालतों में राष्ट्रीय नेताओं के प्रतिमा लगाई गई है। लेकिन उन प्रतिमाओं को भी नुकसान पहुंचाया गया है। जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न स्थानों पर खराब कानून व्यवस्था की स्थिति भी पैदा हुई है। 2010 में इससे पहले भी कोर्ट ने अदालत परिसरों में किसी और प्रतिमा के निर्माण की अनुमति नहीं देने का संकल्प लिया था।
आदेश नहीं मानने पर होगी कार्रवाई
मद्रास हाईकोर्ट के जारी सर्कुलर में कहा गया कि हाल ही में 11 अप्रैल को मद्रास हाईकोर्ट के फुल बेंच ने इसी तरह के अनुरोध पर विचार किया और पहले के सभी प्रस्तावों को दोहराया और सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि गांधी जी और तिरुवल्लुवर की मूर्तियों और चित्रों को छोड़कर, अदालत परिसर के अंदर कहीं भी कोई अन्य चित्र प्रदर्शित नहीं किए जाएंगे। हाईकोर्ट रजिस्ट्रार-जनरल ने निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार के उल्लंघन पर बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु और पुडुचेरी को उचित शिकायत देकर कार्रवाई की जाएगी।