धरी रह गई विपक्षी गठबंधन की योजना, न साझा रैली, न दफ्तर और न ही आ पाया लोगो, अब विधानसभा चुनाव में चार दलों ने रास्ते किए अलग

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Pratibha Rana
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धरी रह गई विपक्षी गठबंधन की योजना, न साझा रैली, न दफ्तर और न ही आ पाया लोगो, अब विधानसभा चुनाव में चार दलों ने रास्ते किए अलग

New Delhi. मुंबई में डेढ़ महीने पहले हुई विपक्षी दलों की मेगा मीटिंग के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में तनातनी खुलकर क्या सामने आई, विपक्षी एकता में जैसे दरार बन गई। हालात तो ऐसे हैं कि आपसी टकरार के चलते I.N.D.I.A. गठबंधन शुरुआती प्रचार-प्रसार और दलों की बैठकों में किए गए बड़े-बड़े वादों को पूरा करने की तैयारियां धरी रह गई हैं। साझा रैली से लेकर लोगो तक अब भी तय नहीं हो सका है। मप्र समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले IN.D.I.A. गठबंधन को लेकर तरह-तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू ने चुनाव अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं तो वहीं अन्य दल भी जोड़-जुगत में लगे हैं। ऐसे में अब 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए का रास्ता कुछ हद तक साफ नजर आ रहा है।

संकल्प 1- INDIA पार्टियां मिलकर लड़ेंगी

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों की बैठकों में आग्रह किया था कि सीटों का बंटवारा सितंबर तक पूरा हो जाना चाहिए। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने संकल्प भी लिया था कि हम INDIA पार्टियां आगामी लोकसभा चुनाव जहां तक संभव हो मिलकर लड़ने का संकल्प लेते हैं। विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की व्यवस्था तुरंत शुरू की जाएगी और लेन-देन की सहयोगात्मक भावना के साथ जल्द से जल्द इसे पूरा किया जाएगा, हालांकि गठबंधन के इस प्रस्ताव पर अब तक भी कोई प्रगति नहीं हुई है।

संकल्प 2 -देश के विभिन्न हिस्सों में सार्वजनिक रैलियां निकालेंगे

गठबंधन में शामिल पार्टियों ने दूसरा संकल्प जनहित के लिए और जनता की भलाई के मुद्दों पर देश के विभिन्न हिस्सों में जल्द से जल्द सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने का लिया था, हालांकि इसे रद्द कर दिया गया था। रैली के लिए 2 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी और भोपाल को रैली के स्थल के रूप में घोषित भी किया गया था, लेकिन बाद में कांग्रेस की राज्य इकाई ने रैली को रद्द कर दिया था। कारण, कमलनाथ नहीं चाहते थे कि INDIA गठबंधन में शामिल पार्टियां मैदान में उतरें और चुनाव की पिच को स्थानीय से राष्ट्रीय में बदल दें। फिर वैकल्पिक रूप से मेगा रैली के लिए अन्य दो स्थानों पटना और नागपुर पर चर्चा की गई, लेकिन आगामी चुनावी के कारण 3 दिसंबर से पहले इसके होने की संभावना नहीं है।

संकल्प 2 - संचार, मीडिया रणनीतियों और अभियानों में समन्वय बनाएंगे

तीसरा संकल्प कई भाषाओं में जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया थीम के साथ अपनी संबंधित संचार और मीडिया रणनीतियों और अभियानों का समन्वय करने का लिया गया था। मुंबई में हुई बैठक में गठित विभिन्न विंगों की बैठक पिछले एक महीने से नहीं हुई है। चूंकि कांग्रेस ने अपना सारा ध्यान आगामी विधानसभा चुनावों पर केंद्रित कर दिया है, इसलिए प्रचार के मोर्चे पर भी बहुत कुछ आगे नहीं बढ़ रहा है। मीडिया विंग ने बैठक कर टीवी चैनलों के कई एंकरों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

दलों में नजर आने लगी खटास

सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी उक्त प्रस्ताव में सीट बंटवारे की कोई 'निश्चित' समय सीमा नहीं दिए जाने से भी नाराज थीं, क्योंकि इसमें कहा है कि INDIA पार्टियां 'जहां तक संभव हो' लोकसभा चुनाव लड़ने की कोशिश करेंगी। आगामी विधानसभा चुनावों में ही गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच खटास नजर आने लगी है। कारण, कांग्रेस ने फिलहाल लोकसभा चुनावों से ध्यान हटाकर राज्यों में होने वाले विधानसभा पर फोकस शुरू कर दिया है। इसके लिए वह INDIA गठबंधन में शामिल पार्टियों को भी साथ लेने से परहेज करती नजर आ रही है।

कांग्रेस के रवैये से पार्टियां नाराज

वाम दल, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनावों में गठबंधन के जरिए मुंबई में बने रिश्ते को आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन इसे लेकर कांग्रेस का रवैया कुछ और ही नजर आ रहा है। एक वामपंथी नेता ने बताया, 'हमारे नेताओं ने इस मुद्दे को समन्वय समिति की बैठक में भी उठाया था, हम अभी भी तेलंगाना और राजस्थान पर उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं और हो भी क्यों न, हम सभी यहां चुनावी राजनीति के लिए आए हैं और उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस कुछ उदारता दिखाएगी।

जब टीएमसी ने अकेले किया प्रदर्शन

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 2 अक्टूबर तक राजघाट पर एक विजन डॉक्यूमेंट जारी करने का विचार सभी के सामने रखा था। इसे चुनावों में गठबंधन की शुरुआत के रूप में पेश करना था, हालांकि उन्होंने बाद में उन्होंने कहा था कि बर्बाद करने का कोई समय नहीं है और उन्होंने राजघाट पर एकला चलो रे चलाया। टीएमसी ने राजघाट पर अकेले विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान गठबंधन में शामिल कोई भी पार्टी के नेता उनके साथ नजर नहीं आए।

गठबंधन के सारे काम अटक गए

दिल्ली में गठबंधन की पार्टियों के एक मुख्य कार्यालय को अंतिम रूप दिया जाना था, लेकिन इस पर भी कोई काम नहीं हुआ। गठबंधन के लोगो रिलीज को रोक दिया गया और यह निर्णय लिया गया कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के लोगो के लिए जनता की राय मांगी जाएगी, हालांकि इस पर अभी तक भी कोई काम नहीं हुआ है।

अखिलेश-केजरीवाल की राह पर नीतीश, बीजेपी नेता सुशील मोदी का I.N.D.I.A गठबंधन को लेकर बड़ा दावा

'अखिलेश-केजरीवाल की राह पर नीतीश'

बीजेपी नेता का दावा : I.N.D.I.A गठबंधन में बिखराव तय

राज्यसभा सदस्य और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर जदयू ने गठबंधन I.N.D.I.A के बिखराव पर मुहर लगा दी है। मोदी ने कहा कि पहले अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव की पार्टियां अपने-अपने प्रभाव वाली सीटें कांग्रेस को देने से इनकार कर गठबंधन को झटका दे चुकी हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता का अगुआ बनने का दावा करने वाले नीतीश कुमार ने केजरीवाल और अखिलेश यादव को मनाने के बजाय खुद उनकी राह थाम ली। मध्य प्रदेश में जदयू की जमानत जब्त होगी।

सीएम को 'टाइम बम' के रूप में दिखाना बिहार का अपमान : मनोज शर्मा

इधर, बिहार भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार की ओर से एक एमिनेशन वीडियो में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टाइम बम दिखाए जाने पर कहा कि यह मुख्यमंत्री ही नहीं पूरे बिहार का अपमान है। शर्मा ने कहा आतंकी संगठन अलकायदा और लश्कर-ए-तैयबा के लोग मानव बम की मानसिकता को लेकर जदयू आखिर प्रदेश और जनता को क्या संदेश देना चाहती है? उन्होंने कहा कि बिहार के लोग कभी अपने मुख्यमंत्री को एक टाइम बम के रूप में देखना पसंद नहीं करेंगे। शर्मा ने यह भी पूछा कि कहीं राजद की संगति का यह असर तो नहीं है।

विपक्षी गठबंधन 'INDIA' में शामिल होंगी मायावती?

यूपी की बिजनौर लोकसभा सीट से बीएसपी के सांसद मलूक नागर ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी विपक्षी गठबंधन इंडिया का हिस्सा नहीं बनेगी। मलूक नागर ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हम इस महागठबंधन से शुरू से ही दूर थे और हमारे पास 13.5 फीसदी वोट शेयर है। हम उत्तर प्रदेश में जिस तरफ चलेंगे, जीत भी उसी तरफ जाएगी। हालांकि पार्टी अध्यक्ष मायावती ने साफ तौर पर कहा है कि बीएसपी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। विपक्ष का ये गठबंधन या महागठबंधन जो भी है, ये लोकसभा चुनाव से पहले ही टूट जाएगा।'

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