BANALORE. अपने ग्रीस दौरे से लौटे प्रधानमंत्री मोदी सुबह सबसे पहले बेंगलुरु के इसरो कमांड सेंटर पहुंच गए। इस दौरान वे एक पल भावुक भी हो गए। उन्होंने वैज्ञानिकों को एक बार फिर बधाई दी और उनके साथ ग्रुप फोटो भी निकलवाया। पीएम मोदी की आगवानी इसरो चीफ एस सोमनाथ ने की। पीएम ने उन्हें गले लगा लिया और अपने अंदाज में उनकी पीठ थपथपाकर मिशन सफल होने की बधाई दी।
मैं साउथ अफ्रीका में था पर मन यहीं लगा हुआ था
पीएम मोदी बोले कि चंद्रयान-3 की सफलता के वक्त मैं साउथ अफ्रीका में था, लेकिन मन पूरी तरह से यहीं आपके साथ लगा हुआ था। उन्होंने बताया कि साउथ अफ्रीका से मैं ग्रीस चला गया। पीएम बोले कि कभी-कभी लगता है कि मैं आप लोगों के साथ अन्याय कर देता हूं। मेरी बेसब्री आपकी मुसीबत बन जाती है। सवेरे-सवेरे आप लोगों को परेशान कर दिया। दरअसल मेरा मन कर रहा था कि आपको नमन करूं। मैं भारत आते ही आप लोगों के दर्शन करना चाहता था।
टचप्वाइंट का किया नामकरण
पीएम मोदी ने कहा कि मैं आप लोगों को सैल्यूट करना चाहता था। सैल्यूट आपके परिश्रम को, सैल्यूट आपके धैर्य को, सैल्यूट आपकी लगन को और सैल्यूट आपकी जीवटता को आपके जज्बे को। इस दौरान मोदी ने चंद्रमा के उस हिस्से का नामकरण भी कर दिया जहां विक्रम लैंडर उतरा है। उन्होंने कहा कि जिस हिस्से पर चंद्रयान-3 से जुड़ा विक्रम लैंडर टचडाउन हुआ है, उस प्वाइंट को अब शिवशक्ति प्वाइंट के नाम से जाना जाएगा।
हर भारतीय बड़े एग्जाम में हुआ पास
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से हर भारतीय एक बड़े एग्जाम में पास हुआ है। यह सब आप वैज्ञानिकों ने मुमकिन बनाया है। इसके लिए आपका जितना गुणगान किया जाए वह कम है। मैंने वह फोटो देखी जिसमें हमारा मून लैंडर अंगद की तरह मजबूती से पांव जमाकर लैंड हुआ। एक तरफ विक्रम का विश्वास है तो दूसरी तरफ विज्ञान का पराक्रम है। हमारा प्रज्ञान चंद्रमा पर अपने पदचिन्ह छोड़ रहा है। पीएम मोदी बोले कि आज पूरी दुनिया भारत की विज्ञानी भावना का, हमारी तकनीक का, हमारे साइंटिफिक टेंपरामेंट का लोहा मान चुकी है। हमारा मिशन जिस क्षेत्र को एक्सप्लोर करेगा, उससे सभी देशों के लिए मून मिशन के नए रास्ते खुलेंगे। यह चांद के रहस्यों को खोलेगा।