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भारत आज अपने 79वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव धूमधाम से मना रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार दिल्ली के लाल किले से तिरंगा फहराया। इस दौरान वे देशवासियों को संबोधित भी कर रहे हैं, और इस बार उनका भाषण कई अहम मुद्दों पर केंद्रित है।
इस बार स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर पहली बार राष्ट्रगान बजाने वाले बैंड में 11 अग्निवीर जवान शामिल हुए।
स्वतंत्रता दिवस पर पीएम का देश को संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर, राष्ट्रीय सुरक्षा, और देश के समग्र आर्थिक विकास के साथ-साथ अपने कार्यकाल में कल्याणकारी मॉडल के विस्तार पर भी विस्तार से चर्चा कर रहे हैं। इसके अलावा, वे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जरिए व्यापार के मुद्दे पर भारत के प्रति उठाए गए प्रतिकूल रुख के कारण उत्पन्न आर्थिक और विदेश नीति की अनिश्चितताओं पर भी बात कर रहे हैं। जानिए उनके भाषण में क्या विशेष बातें है...
140 करोड़ संकल्पों का उत्सव- पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मेरे प्यारे देशवासियो, आजादी का यह महापर्व सिर्फ स्वतंत्रता का उत्सव नहीं, बल्कि 140 करोड़ संकल्पों का उत्सव है। यह पर्व सामूहिक संघर्ष और गौरव का प्रतीक है। मेरा हृदय उमंग से भर गया है, और देश एकता के भाव से सशक्त हो रहा है। आज, 140 करोड़ देशवासी तिरंगे के रंग में रंगे हुए हैं। हर घर में तिरंगा लहराता है। भारत के हर कोने से, चाहे वह हिमालय की ऊंचाई हो, रेगिस्तान की तपिश हो या समुद्र तट की लहरें, हर दिशा से एक ही आवाज गूंज रही है – हमारी मातृभूमि, जिसे हम अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानते हैं, का जयकार!
धारा 370 हटने से एक देश, एक संविधान साकार हुआ
प्रधानमंत्री ने कहा कि धारा 370 के हटने के साथ एक देश, एक संविधान का सपना आखिरकार पूरा हुआ है। उन्होंने 1947 में देश की आजादी के समय की ओर इशारा करते हुए कहा कि उस समय भारत अनंत संभावनाओं और शक्ति से भरा हुआ था। हालांकि, इस आजादी के साथ-साथ चुनौतियां भी उतनी ही बड़ी थीं। महात्मा गांधी के सिद्धांतों के अनुसार, संविधान सभा के सदस्यों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और भारत का संविधान मार्गदर्शक बनकर हमारे रास्ते को साफ करता रहा।
प्रधानमंत्री ने हमारे संविधान निर्माताओं जैसे डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित की। इन्होंने संविधान की नींव रखी। साथ ही, उन्होंने उन महान महिलाओं का भी उल्लेख किया जिन्होंने इस कार्य में अहम योगदान दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने श्यामाप्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे भारत के संविधान के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पहले शख्स थे। धारा 370 को समाप्त कर जब एक देश, एक संविधान की बात को साकार किया गया, तब यह डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि थी।
प्रकृति आज हम सभी की परीक्षा ले रही - पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज इस मंच पर सरपंच, लखपति दीदी और कई अन्य लोग मौजूद हैं। यहां मुझे छोटा भारत देखने का अवसर मिल रहा है। प्रकृति आज हम सभी की परीक्षा ले रही है। हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं और मूसलधार बारिश ने न जाने कितनी परेशानियां खड़ी कर दी हैं। हम उन पीड़ितों के साथ अपनी पूरी संवेदनाएं साझा करते हैं। राज्य सरकारों के साथ मिलकर हम सभी बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।PAK की गीदड़ भभकियों पर दिया करारा जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज मुझे ऑपरेशन सिंदूर के वीर सैनिकों को सलाम करने का गर्व मिला है। हमारे शूरवीरों ने दुश्मनों को ऐसी सजा दी, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। विशेष रूप से पहलगाम में सीमापार से आए आतंकियों ने जो निर्दयता दिखाई, वह दिल दहला देने वाली थी। लोगों को धर्म के आधार पर मारा गया, पत्नी के सामने पति को गोलियां मारी गईं, और बच्चों के सामने पिता को मौत के घाट उतार दिया गया। पूरे हिंदुस्तान का दिल इस घिनौनी घटना से गुस्से और आक्रोश से भरा हुआ है। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश का प्रतीक है।
पीएम बोले - न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेंगे
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, पाकिस्तान में हो रही तबाही की कहानियाँ रोज नए खुलासे कर रही हैं। हमारे देश ने दशकों तक आतंकवाद की दुखदाई घातक शिकारियाँ झेली हैं, लेकिन अब हम और आतंकवादियों को सहन नहीं करेंगे। जो आतंकवादियों को पाला-पोसा है, उन्हें भी हम एक ही नजर से देखेंगे। वे मानवता के दुश्मन हैं, उनमें कोई फर्क नहीं होगा। अब भारत ने ठान लिया है कि न्यूक्लियर धमकियों को हम और नहीं सहेंगे। यह न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब और नहीं चलेगा। हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को ऐसी सजा दी है, जिसे वे कभी नहीं भूलेंगे।
सिंधु समझौता एकतरफा था- पीएम मोदी
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने दृढ़ शब्दों में कहा, भारत ने स्पष्ट रूप से निर्णय लिया है कि अब खून और पानी साथ नहीं बहेंगे। भारतीय नदियों का पानी दुश्मनों की धरती को सींच रहा है, लेकिन अब हिंदुस्तान को अपना हक का पानी मिलेगा, क्योंकि यह पानी हमारे किसानों का हक है। उन्होंने सिंधु समझौते को एकतरफा और अन्यायपूर्ण करार देते हुए कहा कि राष्ट्रहित में ऐसे समझौते को अब स्वीकार नहीं किया जा सकता।
दुश्मन को पता भी नहीं चला कौन से हथियार थे- PM मोदी
PM बोले- सेमीकंडक्टर और ऊर्जा में भारत आत्मनिर्भर बनेगा
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में डिफेंस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में किए गए प्रयासों को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, हमने डिफेंस में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रखा था, और अब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। हमारी सेना अब बिना किसी रुकावट के अपनी जिम्मेदारियां निभा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 21वीं सदी टेक्नोलॉजी से प्रेरित है, और जो देश टेक्नोलॉजी में अग्रणी बने, वही दुनिया के शीर्ष पर पहुंचे।
मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी सरकार की आलोचना करना नहीं है, बल्कि एक सच्चाई की ओर इशारा करना है। उन्होंने कहा, 50-60 साल पहले जब सेमीकंडक्टर तकनीक की बात शुरू हुई, तो उस समय यह विचार अटक कर रह गया था। दुनिया में सेमीकंडक्टर तब एक अव्यावहारिक विचार था, और वह प्रोजेक्ट ठप हो गया। लेकिन अब, हम उस बोझ से मुक्त हो गए हैं और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत को आगे बढ़ाने में सफलता हासिल कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस साल के अंत तक मेड इन इंडिया चिप्स भारत में उपलब्ध हो जाएंगी। इससे देश में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम और बढ़ेगा।
11 साल में 30 गुना बढ़ चुकी है सोलर एनर्जी
प्रधानमंत्री ने कहा, हम पेट्रोल, डीजल और गैस को बाहर से लाखों रुपए खर्च करके मंगाते हैं। लेकिन हमने इसे बदलने का संकल्प लिया है। पिछले 11 वर्षों में, सोलर एनर्जी का उत्पादन 30 गुना बढ़ चुका है। हम नए डैम बना रहे हैं ताकि जल विद्युत का विस्तार हो सके और क्लीन ऊर्जा मिले। ग्रीन हाइड्रोजन में भी निवेश हो रहा है, जिससे भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इसके अलावा, न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में हम बड़े कदम उठा रहे हैं, और 10 परमाणु रिएक्टर तेजी से काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक परमाणु ऊर्जा का उत्पादन दस गुना बढ़ा लिया जाए।
क्रिटिकल मिनरल में आत्मनिर्भरता जरूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, क्रिटिकल मिनरल्स में आत्मनिर्भरता हमारे लिए अत्यंत जरूरी है। चाहे वह रक्षा क्षेत्र हो, तकनीकी विकास या चिकित्सा, इन मिनरल्स का हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। इसी दिशा में हमने नेशनल क्रिटिकल मिशन की शुरुआत की है। अब 1200 से अधिक स्थानों पर इन मिनरल्स की खोज के लिए अभियान चलाया जा रहा है, और हम इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं।
एक दिन हमारा स्पेस स्टेशन होगा- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब आईएसएस (International Space Station) से वापस लौट चुके हैं। हम स्पेस में भी अपनी मेहनत और ताकत से आगे बढ़ रहे हैं। भारत का भी अपना स्पेस स्टेशन होगा, और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। 2047 तक, जब भारत स्वतंत्रता के 100 साल पूरे करेगा, तब यह देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और विकसित होगा। हमारे 140 करोड़ लोग मिलकर इस संकल्प को पूरा करने के लिए जुटे हैं। आज भारत हर क्षेत्र में एक आधुनिक इकोसिस्टम तैयार कर रहा है, जो हमें आत्मनिर्भर बनाएगा। मैं अपने युवा, प्रतिभाशाली साथियों से कहना चाहता हूं कि हमें अपना मेड इन इंडिया जेट इंजन विकसित करना चाहिए!
फर्टिलाइजर्स का भंडार भरें, खुद को आत्मनिर्भर बनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, क्या हमें रिसर्च और पेटेंट के क्षेत्र में अपनी ताकत और नहीं बढ़ानी चाहिए? मैं अपने युवा साथियों से आग्रह करता हूं कि बायो-3 के नजरिए से कदम उठाएं, क्योंकि हमें आपका सहयोग चाहिए। आज आईटी का युग है, और हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर हर चीज में आत्मनिर्भर बनना है। आज हमने दुनिया को यह दिखा दिया है कि UPI के जरिए 50% से अधिक लेन-देन भारत में हो रहे हैं। अब सवाल यह है कि भारत का धन बाहर क्यों जाए?
साथ ही, फर्टिलाइजर्स के लिए भी हमें दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। मैं हमारे उद्योग जगत और प्राइवेट सेक्टर से कहना चाहता हूं कि फर्टिलाइजर्स का भंडार भरें, और खुद को आत्मनिर्भर बनाएं, दूसरों पर निर्भर रहने की बजाय।
हम समुद्र मंथन की ओर अग्रसर हैं - पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज तकनीक के बल पर कुछ देश ऊंचे शिखर तक पहुंच गए हैं, और हम भी उसी दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। हम समुद्र मंथन की ओर अग्रसर हैं। नेशनल डीप वाटर मिशन जल्द ही शुरू होने जा रहा है। समंदर के भीतर गैस और तेल के विशाल भंडार छिपे हुए हैं, जिन्हें हम खोजना चाहते हैं। इसके अलावा, ऑपरेशन गगनयान की तैयारी भी जोरों से चल रही है, और स्पेस सेक्टर में हम तेज़ी से काम कर रहे हैं। हम स्पेस में अपना खुद का स्पेस सेंटर भी बनाएंगे।
लाल किले की प्राचीर से मैं देश के युवाओं, इंजीनियरों और पेशेवरों से यह सवाल करता हूं – क्या हमारे पास अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट इंजन नहीं होना चाहिए? बिल्कुल होना चाहिए! लड़ाकू विमानों के लिए हमें अपना खुद का इंजन तैयार करना होगा।
लाखों स्टार्टअप्स देश को इनवेशन की शक्ति दे रहे
पीएम ने कहा, हमारी जरूरत की चीजें, खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) के लिए, अब हमें खुद ही उपलब्ध होनी चाहिए। कोविड के दौरान हम कई चीजों के लिए विदेशी सप्लाई पर निर्भर थे, लेकिन इसके बाद भारत के युवा आगे आए और उन्होंने अपनी मेहनत से कई चीजें बनाईं। हमने अपनी वैक्सीन्स बनाई और दिखा दिया कि हम आत्मनिर्भर हो सकते हैं। आज लाखों स्टार्टअप्स देश को नवाचार (इनवेशन) की शक्ति दे रहे हैं। मुद्रा योजना के जरिए करोड़ों युवा और बेटियां अपना खुद का कारोबार चला रहे हैं और दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनने की ताकत दे रहे हैं।
महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने किया कमाल
पीएम मोदी ने कहा, महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने सचमुच कमाल कर दिखाया है। उनके बनाए प्रोडक्ट्स अब दुनिया भर में पहुंचने लगे हैं। मैंने 'मन की बात' में खिलौनों का जिक्र किया था, और आज मेरा देश खिलौने एक्सपोर्ट करने में सक्षम हो चुका है। जब देशवासियों को हर रुकावट से मुक्ति मिलती है, तो वे अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। दोस्तों, अपने आइडियाज को कभी भी मरने मत देना, क्योंकि यही आइडियाज आने वाली पीढ़ी के लिए रास्ता बनाएंगे। आइए, आगे बढ़ने का इनीशिएटिव लें! अगर सरकारी नियमों में कोई बदलाव जरूरी हो, तो मुझे बताइए। 2047 अब दूर नहीं है, और हम एक भी पल गंवाना नहीं चाहते। यह समय है आगे बढ़ने का, और मैं और हमारी सरकार आपके साथ हैं। हम मिलकर नया इतिहास बना सकते हैं।
दाम कम, लेकिन दमदार
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, हमारे MSMEs ने दुनिया भर में अपनी ताकत साबित की है। अब हमें एक समग्र और एकीकृत विकास की दिशा में आगे बढ़ना है। यदि हमें विश्व बाजार में अपनी ताकत दिखानी है, तो हमें क्वालिटी के नए मानक स्थापित करने होंगे, क्योंकि दुनिया आज क्वालिटी की ओर देख रही है। हमें अपने प्रोडक्शन की कॉस्ट को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना है कि कीमतें कम हों, लेकिन प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और मजबूती में कोई कमी न हो। यही भावना हमें लेकर चलनी चाहिए – दाम कम, लेकिन दमदार।
हम नया इतिहास रच सकते हैं- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं अपने देश के युवाओं से यह अपील करता हूं कि अपने आइडियाज को कभी भी खत्म होने मत देना। मैं हमेशा आपके साथ खड़ा हूं, और आपके सपनों को साकार करने के लिए तैयार हूं। जो युवा मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं। यदि उन्हें सरकारी नियमों में बदलाव की जरूरत है, तो मुझे बताइए। हम अब एक भी पल गंवाना नहीं चाहते। जब सरकार और मैं खुद आपके साथ हैं, तो हम नया इतिहास रच सकते हैं। साथियों, आज नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन पर तेजी से काम हो रहा है, और हम आगे बढ़ रहे हैं!
वोकल फॉर लोकल को भारतीयों का मंत्र बनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं सभी राजनीतिक दलों और नेताओं से यह आग्रह करता हूं कि वोकल फॉर लोकल किसी एक पार्टी का एजेंडा नहीं है, बल्कि यह पूरे भारत का विषय है। हमें इसे हर भारतीय का मंत्र बनाना है। भारत के लोग जो पसीना बहाकर अपनी मेहनत से चीजें बनाते हैं, उन चीजों को हमें खरीदना चाहिए। जब हम भारतीय उत्पादों का समर्थन करेंगे, तो देश में तेजी से बदलाव आएगा।
किसी की लकीर छोटी करने में ऊर्जा ना खपाएं
मैं दिवाली पर आपको डबल तोहफा दूंगा- पीएम
विकसित भारत रोजगार योजना आज से देशभर में लागू
देश में 2 करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं
फाइलों में नहीं, लोगो की लाइफ में होनी चाहिए सरकार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं जानता हूं गरीबी क्या होती है, और इसी कारण मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि सरकार सिर्फ फाइलों तक सीमित न रहे, बल्कि लोगों की जिंदगी में सक्रिय रूप से शामिल हो। सरकार का काम केवल कागजों पर नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में होना चाहिए। इसी दिशा में हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं। समाज के हर जरूरतमंद व्यक्ति तक योजनाओं को पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।
आज पीएम आवास योजना के तहत चार करोड़ गरीबों को अपने घर मिल चुके हैं, और यह सिर्फ दीवारें नहीं, बल्कि उनके सपनों की बुनियाद है। पीएम सुनिधि योजना के जरिए रेहड़ी-पटरी वालों को भी मदद मिली है, और आज वे यूपीआई के जरिए लेन-देन कर रहे हैं। मेरा मानना है कि सरकार को लोगों की जिंदगी में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए, क्योंकि यही वह तरीका है जिससे जमीन से जुड़ी योजनाएं बनती हैं, और जब ये योजनाएं वास्तविकता में बदलती हैं, तो यह लोगों के जीवन में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम बन जाती है।
किसानों की कठिन मेहनत रंग ला रही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, किसानों की कठिन मेहनत अब रंग ला रही है। उन्हें उत्तम खाद, पानी और बीज आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। आज हम मछली और सब्जी उत्पादन में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक बन गए हैं, और हमारे उत्पाद दुनिया भर के बाजारों में छा रहे हैं। किसानों को फसल बीमा का भरोसा है, और पीएम धन-धन्य कृषि योजना के तहत देश के 100 एस्पिरेशन जिलों में किसानों को मदद मिल रही है।
मोदी दीवार अब किसानों, मछुआरों और कामकाजी नागरिकों के हित में खड़ी हो चुकी है। पहले भी सरकार की योजनाएं आती थीं, लेकिन हमने उन्हें असल जिंदगी में लागू किया और लोगों का विश्वास जीता। आयुष्मान भारत योजना ने लोगों को स्वस्थ जीवन का भरोसा दिया है। पीएम स्वनिधि योजना ने बदलाव की लहर को देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया है।
शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो या खेल, विकास होना चाहिए
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि जो क्षेत्र अभी तक विकास की दौड़ में पीछे हैं, उन्हें अब प्राथमिकता दी जाएगी। खासकर, उन्होंने पूर्वी भारत के विकास के लिए बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट्स शुरू करने की बात की, जिनके लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उनका मानना है कि हर क्षेत्र में, चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो या खेल, विकास होना चाहिए।
खेलो भारत नीति को किया लागू
उनके शब्दों में एक और खास बात यह थी कि पहले जब बच्चे खेलते थे, तो माता-पिता को यह पसंद नहीं आता था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। अब माता-पिता अपने बच्चों को खेलते हुए देखना चाहते हैं, और इसे वे एक सकारात्मक बदलाव मानते हैं। प्रधानमंत्री ने देश में खेलो भारत नीति को लागू किया है, जिससे खेलों के क्षेत्र में भी शानदार विकास हो सके। इसका उद्देश्य बच्चों को खेलों के प्रति प्रेरित करना और एक मजबूत खेल इकोसिस्टम तैयार करना है, ताकि यह दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंच सके।
हमें मोटापे से बचना चाहिए
साथ ही, उन्होंने एक और गंभीर मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया, और वह है मोटापा। आजकल, मोटापा एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है, जो देश के लिए संकट की तरह महसूस हो रहा है। प्रधानमंत्री ने सभी से अपील की कि हमें इस समस्या से बचने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने एक स्वस्थ आहार की बात की और कहा कि परिवारों को यह निर्णय लेना चाहिए कि वे अपने खाने में तेल की मात्रा को 10% कम कर दें, ताकि जीवनशैली और आहार को स्वस्थ बनाया जा सके।
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