NEW DELHI. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे बनकर तैयार हो चुका है। दिल्ली के डीएनडी फ्लाईओवर (महारानी बाग) से इस एक्सप्रेस वे की शुरुआत होगी। आज यानी 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके पहले फेस को हरी झंडी दिखाएंगे। 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया है। इस सेक्शन के चालू होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर करीब साढ़े तीन घंटे हो जाएगा।
सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे 1,386 किमी की लंबाई के साथ भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी 1,424 किमी से घटकर 1,242 किमी हो जाएगी। साथ ही यात्रा का समय 50% कम होकर 24 घंटे से 12 घंटे हो जाएगा। ये एक्सप्रेसवे 2024 में पूरा हो जाएगा। यह 6 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा, कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगी। एक्सप्रेसवे 13 पोर्ट्स, 8 प्रमुख हवाई अड्डों और 8 मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे, नवी मुंबई हवाई अड्डे और जेएनपीटी बंदरगाह जैसे नए आने वाले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी सर्विस देगा।
सिक्योरिटी का पूरा ख्याल
एक्सप्रेसवे में सुरक्षा का भी ख्याल रखा गया है। इसमें हर 500 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो सोलर एनर्जी से चलेंगे। ये कैमरे रात और दिन काम कर सकते हैं। इससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अनेबल करके पूरा सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क तैयार किया गया है, जो ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी सैटेलाइट से भी लिंक है। इससे किसी भी परिस्थिति में मेडिकल एमरजेंसी, ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही यह पूरी तरीके से ग्रीन एनर्जी से चलने वाला अत्याधुनिक सिस्टम है। एक्सप्रेसवे का असर आसपास के विकास के क्षेत्रों पर भी पड़ेगा, लिहाजा ये देश के आर्थिक बदलाव में एक प्रमुख योगदान देगा।