मणिपुर की घटना से 140 करोड़ भारतीयों को होना पड़ा शर्मसार

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Chakresh
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मणिपुर की घटना से 140 करोड़ भारतीयों को होना पड़ा शर्मसार

new delhi. संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए मणिपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा " मेरा हृदय पीड़ा से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है। किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं कौन हैं, वो सब अपनी जगह पर है, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत करें। खास करके हमारी माताओं- बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं। हिंदुस्तान के किसी भी कोने में, किसी की भी राज्य सरकार में राजनीतिक वाद- विवाद से ऊपर उठ करके कानून व्यवस्था व नारी का सम्मान प्राथमिक है। किसी भी गुनहगार को बख़्शा नहीं जाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है, इसको कभी माफ नही किया जा सकता।"



क्या है पूरा मामला…

मणिपुर हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद से राज्य में हिंसा भड़की हुई है। बीते बुधवार से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है। वायरल वीडियो में हिंसक भीड़ दो महिलाओं को नग्न अवस्था में सड़क पर घुमा रही है। ये घटना 4 मई मणिपुर की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर कांगपोकपी की बताई जा रही है। 



सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करने पर रोक 

सरकार ने सोशल मीडिया, फेसबुक और ट्विटर पर वायरल वीडियो को शेयर न करने का आदेश दिया है। आदेश का उल्लंघन होने पर केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ एक्शन ले सकती है।



क्या है मणिपुर का इतिहास और हिंसा की प्रमुख वजह...




  • वर्ष 1972 में केंद्र शासित प्रदेश मणिपुर को भारत का 19वां राज्य बनाया गया। 


  • मैतेई समुदाय राज्य की सबसे बड़ी आबादी वाला समुदाय। 

  • घाटी—जिसमें मणिपुर का लगभग 10% भूभाग शामिल है, में गैर-जनजातीय मैतेई समुदाय का प्रभुत्व है, जो राज्य की 64% से   अधिक आबादी का भी निर्माण करते हैं और राज्य के कुल 60 विधानसभा सदस्यों में से 40 प्रदान करते हैं।

  • 36% आबादी के पास 90% ज़मीन लेकिन विधानसभा में प्रतिनिधित्व आधा।



  • हिंसा के प्रमुख कारण

    मणिपुर में 16 जिले हैं जिसमें से वैली 10 फीसदी है और यहां पर 53 प्रतिशत मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। इसके साथ ही 90 फीसदी पहाड़ी इलाका है और यहां पर 42 प्रतिशत कुकी, नागा के अलावा दूसरी जनजाति रहती है।

    NRC लागू करने की मांग: मैतेई समुदाय के लोगों का कहना है कि 1970 के बाद पर यहां बहुत सारे देसी शरणार्थी आए हैं. इसकी गणना की जाए और यहां पर एनआरसी लागू किया जाए। आंकड़े बताते हैं कि इनका आबादी 17 प्रतिशत से यह



    बढ़कर 24 फीसदी हो गई है.

    जमीन खरीदी पर विवाद:- मैतेई समुदाय के लोग पहाड़ी हिस्से में जमीन नहीं खरीद सकते। जबकि कुकी समाज के लोग घाटी में ज़मीन खरीद सकते हैं।

    मारपीट और परेशान करने आरोप:- कुकी और मैतेई समुदाय के लोग समय-समय पर एक-दूसरे पर मारपीट और तंग करने का भी आरोप लगाते हैं। न तो ये आरोप खत्म हुए और न ही हिंसा।


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