New Delhi. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (30 जुलाई) को मन की बात प्रोग्राम में कहा कि शहीदों के सम्मान में 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान चलाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि आज देश में अमृत महोत्सव की गूंज है। 15 अगस्त पास ही है। शहीद वीर- वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान शुरू किया जाएगा। मन की बात के 103वें एपीसोड में मोदी ने मध्यप्रदेश का भी प्रमुखता से जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'कुछ समय पहले मैं MP के शहडोल गया था। वहां आदिवासी भाइयों से मुलाकात हुई। पकरिया गांव के आदिवासियों ने प्रकृति और जल संरक्षण के लिए अच्छा काम कर दिया है। 100 कुओं को वाटर रिचार्ज सिस्टम में बदल दिया है। बारिश का पानी इन कुओं में जाता है और वहां से जमीन में। सभी गांववालों ने 800 कुओं को रिचार्ज के लिए उपयोग में लाने का लक्ष्य बनाया है। उन्होंने बताया कि एमपी के शहडोल में विचारपुर गांव है, इसे मिनी ब्राजील कहा जाता है। ये गांव आज उभरते सितारों का गढ़ बन गया है। यहां मेरी मुलाकात इन फुटबाल खिलाड़ियों से हुई। विचारपुर गांव के मिनी ब्राजील बनने की यात्रा 2 दशक पहले शुरू हुई। यह कभी नशे और शराब का गढ़ था।
पीएम मोदी ने मप्र का कई बार किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने संबोधन के दौरान चार बार मध्य प्रदेश का जिक्र किया। सबसे पहले मोदी ने मप्र के शहडोल में 100 कुओं के जरिए वर्षा में वाटर रिचार्जिंग का जिक्र किया। इसके बाद उज्जैन में अलग-अलग शैलियों में बन रही पुराणों पर आधारित पेंटिंग के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने बताया कि अमेरिका द्वारा भारत को लौटाई गई मूर्तियों में एक मूर्ति का नाता मध्य प्रदेश से है। उन्होंने एक बार फिर शहडोल जिले के विचारपुर गांव का जिक्र किया, जिसे मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाता है। मोदी ने बताया कि कैसे यह गांव नशे से मुक्त होकर फुटबाल से प्रेम करने लगा और आज हर युवा इससे जुड़ चुका है।
उज्जैन में बन रहे चित्र
पीएम मोदी उज्जैन में तैयार हो रहे अलग-अलग शैली के चित्रों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बनाने में जुटे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनाए जा रहे हैं। मोदी ने कहा, इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा। कुछ समय बाद जब आप सभी उज्जैन जाएंगे तो श्री महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के दर्शन कर सकेंगे। यह सबकुछ अद्भुत होगा। इसी के साथ उज्जैन में एक और आकर्षण का केंद्र स्थापित हो जाएगा।
अमेरिका ने लौटाईं दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां, इनका संबंध मप्र से
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक अद्भुत माहौल देखा गया। अमेरिका ने भारत को 100 से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं। यह खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा भी हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव नजर आया। भारत लौटीं ये कलाकृतियां ढाई हजार साल से लेकर 250 साल तक पुरानी हैं। मोदी ने कहा कि इन दुर्लभ चीजों का नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है। ये टेरोकोटा, स्टोन मेटल और लकड़ी के इस्तेमाल से बनाई गई हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं जो आश्चर्य से भर देंगी। इनमें 11वीं शताब्दी का एक खुबसूरत सेंड स्टोन स्कल्पचर भी आपको देखने को मिलेगा। ये नृत्य करती हुई एक 'अप्सरा' की कलाकृति है, जिसका नाता, मध्य प्रदेश से है।
हर घर फहराएं तिरंगा
मोदी ने कहा, पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए जैसे पूरा देश एक साथ आया था, वैसे ही हमें इस बार भी फिर से, हर घर तिरंगा फहराना है और इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाना है।
कई आपदाएं आईं, देशवासियों ने सामूहिक प्रयास की ताकत दिखाई
मोदी ने कहा कि यमुना समेत कई नदियों में बाढ़ से कई इलाकों में लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं। कुछ समय पूर्व गुजरात के इलाकों में बिपरजॉय साइक्लोन भी आया, लेकिन आपदाओं के बीच हम सब देशवासियों ने फिर दिखाया है कि सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है। स्थानीय लोगों ने, हमारे जवानों ने, स्थानीय प्रशासन के लोगों ने, दिनरात लगाकर ऐसी आपदाओं का मुकाबला किया है। यह हमारी एकजुटता है।
संबोधन के प्रमुख अंश
- आपदा : किसी भी आपदा से निपटने में हमारे सामर्थ्य और संसाधनों की भूमिका बड़ी होती है। इसके साथ ही हमारी संवेदनशीलता और एक-दूसरे का हाथ थामने की भावना उतनी ही अहम होती है। सर्वजन हिताय की यही भावना भारत की पहचान है और भारत की ताकत है।
हमें देश की भावी पीढ़ियों को बचाना है तो उन्हें, ड्रग्स से दूर रखना ही होगा। इसी सोच के साथ, 15 अगस्त 2020 को ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत की गई थी। इस अभियान से अब तक 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया है। दो हफ्ते पहले ही भारत ने 10 लाख किलो ड्रग्स को नष्ट करने का अनोखा रिकॉर्ड भी बनाया है। इन ड्रग्स की कीमत 12 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा थी।