New Delhi. प्रधानमंत्री मोदी जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर निकले हैं। इस यात्रा से पहले उन्होंने भारत-चीन सीमा विवाद समेत अनेक वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि देश की संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए हम पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध हैं। पीएम मोदी ने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमा पर अमन-चैन बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ संबंधों का विकास केवल परस्पर सम्मान, संवेदनशीलता और पारस्परिक हितों पर आधारित हो सकता है। चीन से संबंध बहाल होन पर पूरी दुनिया को फायदा होगा।
पाकिस्तान पर भी बोले
पीएम मोदी ने पाकिस्तान से बातचीत के सवाल पर कहा कि भारत पाकिस्तान से सामान्य और पड़ोसी वाले संबंध चाहता है। हालांकि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त अनुकूल माहौल बनाया जाना आवश्यक है, इस मामले में कदम उठाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी दिया शांति का संदेश
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर मध्यस्थता के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि इस मसले पर हमारी स्थिति स्पष्ट और अटल है। वे बोले कि भारत शांति के पक्ष में है और मजबूती के साथ बना रहेगा। दोनों देशों से हम संपर्क बनाए रखते हैं। सहयोग और सहभागिता को हमारे समय को परिभाषित करना चाहिए, संघर्ष को नहीं।
पीएम मोदी ने हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल साउथ देशों की आवाज और चिंताओं को उठाने की बात कही। पीएम ने कहा कि उर्जा, डिजिटल टेक्नोलॉजी और आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में वैश्विक परिवर्तनों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं।
बता दें कि भारत जी-7 समूह का सदस्य नहीं है लेकिन इसकी मेजबानी कर रहे जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने पीएम मोदी को आमंत्रित किया है। पीएम मोदी ने कहा कि जापान और भारत के लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्य स्वाभाविक रूप से दोनों को करीब लाए हैं।