मोदी सरकार के बड़े फैसले- कृषि, रेल यातायात और सेमीकंडक्टर इकाई को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार 2 सितंबर को कृषि क्षेत्र से संबंधित सात बड़े कार्यक्रमों के लिए करीब 13 हजार 966 करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी दी है। कुल 2 हजार 817 करोड़ के निवेश के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी गई है।

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Ravi Singh
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Digital Agriculture Mission
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Delhi : सोमवार 2 सितंबर को मोदी सरकार कैबिनेट ने कृषि, रेलवे सहित अन्य क्षेत्रों के  प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट में डिजिटल कृषि मिशन,प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्यक्रम सहित नई रेल लाइन परियोजना, सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

केंद्रीय कैबिनेट ने  ( Union Cabinet ) कृषि क्षेत्र से संबंधित बड़े कार्यक्रमों के लिए करीब 13 हजार 966 करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी दी है। कुल 2 हजार 817 करोड़ के निवेश के साथ डिजिटल कृषि मिशन ( Digital Agriculture Mission ) को मंजूरी दी गई है। परियोजना एग्री स्टैक और कृषि क्षेत्र में कार्य करने में सहायक होगी। 

कृषि विज्ञान केंद्र को मजबूत करने के लिए 1 हजार 202 करोड़ बजट को मंजूरी दी गई, इसमें नई तकनीक और तरीके शुरू करने और किसानों की स्थानीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। कैबिनेट ने 1 हजार 115 करोड़ के कुल व्यय के साथ प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्यक्रम को भी मंजूरी दी है।

गुजरात में सेमीकंडक्टर इकाई को मंजूरी

भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत केनेस सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड की एक और सेमीकंडक्टर इकाई को मंजूरी दी गई, जिसे 3 हजार 300 करोड़ रुपए के निवेश से स्थापित किया जाएगा। गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित की जाएगी। 

 फसल विज्ञान को मंजूरी

खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कार्यक्रम के लिए फसल विज्ञान को मंजूरी दी गई।  जिसका कुल व्यय 3 हजार 979 करोड़ है।   जिनका उद्देश्य 2047 के लिए जलवायु अनुकूल फसल विज्ञान और खाद्य सुरक्षा के लिए किसानों को तैयार करना है। 

यह किया जाएगा

चारा फसल के लिए आनुवंशिक सुधार,  दलहन और तिलहन फसल फसलों में सुधार।  कीटों, सूक्ष्म जीवों, परागणकों आदि पर अनुसंधान। 

नई लाइन परियोजना को मंजूरी

मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने वाली 309 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दी गई, जिसकी कुल लागत 18 हजार 036 करोड़ रुपए है, जिसे 2028-29 तक पूरा किया जाएगा । इस परियोजना से मुबंई-उज्जैन के बीच के बीच की दूरी लगभग 200 किलोमिटर कम होगी।  

मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करेगी -  यह परियोजना 2 राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी। 

30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे - परियोजना में 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे आकांक्षी जिले बड़वानी को बेहतर सम्पर्क मिलेगा। नई रेलवे लाइन परियोजना से लगभग 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख आबादी को लाभ होगा। 

उज्जैन के पर्यटन को बढ़ावा

नई रेल लाइन परियोजना से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन- इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी।  पीथमपुर ऑटो क्लस्टर (90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग) को जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से सीधा सम्पर्क मिलेगा। मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों का भी सीधा सम्पर्क होगा। 

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